बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर महागठबंधन ने रविवार को सासाराम में 'वोट अधिकार रैली' का आयोजन किया। इस रैली में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता लालू प्रसाद यादव ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, "चोरों को हटाइए, भाजपा को भगाइए और हमें जिताइए।" लालू यादव ने यह बयान चुनाव आयोग की विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ आयोजित इस रैली में दिया, जिसमें विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया के तहत दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और गरीब वर्ग के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।
रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद थे। राहुल गांधी ने इस यात्रा को लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की लड़ाई बताया और चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह भाजपा के पक्ष में काम कर रहा है। तेजस्वी यादव ने भाजपा पर लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि बिहार में सिर्फ वोट की चोरी नहीं, बल्कि डकैती हो रही है।
इस रैली में विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह मतदाता सूची में हुई विसंगतियों की जांच कराए और सुनिश्चित करे कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से बाहर न रहे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
वोट अधिकार यात्रा 16 दिनों में 1,300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और बिहार के 23 जिलों से होकर गुजरेगी। यह यात्रा 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी। विपक्षी दलों ने इस यात्रा को लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है। चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई समय सीमा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने इस मुद्दे को और जटिल बना दिया है। अब देखना यह होगा कि राजनीतिक दल और आयोग इस प्रक्रिया को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कैसे आगे बढ़ाते हैं।