टाटा समूह की कंपनियों टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कैमिकल्स व इंडियन होटल्स ने शेयर बाजारों को भेजी नियामकीय जानकारी में कहा है कि साइरस मिस्त्री ने उनके निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है।
मिस्त्री ने इसके साथ ही टाटा संस के साथ अपनी इस लड़ाई को बड़े मंच पर ले जाने का संकल्प जताया है। मिस्त्री को 24 अक्तूबर को अचानक ही टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था जो कि टाटा समूह की सभी कंपनियों की धारक कंपनी है।
मिस्त्री ने दो पन्ने के बयान व रिकार्ड वीडियो संदेश में कहा है- प्रभावी सुधार व टाटा समूह के कर्मचारियों, शेयरधारकों तथा अन्य भागीदारों के बेहतर हितों के उद्देश्य को असाधारण आम बैठकों के मंच से हटकर दूसरे मंच से बेहतर ढंग से हासिल किया जा सकता है।
मिस्त्री ने हालांकि, स्वयं यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा है कि वे टाटा संस या अन्य परिचालनगत कंपनियों के निदेशक मंडलों से हट रहे हैं, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वे हट गए हैं।
हालांकि, टाटा समूह की कंपनियों टाटा स्टील, इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा मोटर्स और टाटा कैमिकल्स ने नियामकीय जानकारी में कहा है कि साइरस मिस्त्री ने तुरंत प्रभाव से कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है।
उल्लेखनीय है कि साइरस मिस्त्री को हटाकर रतन टाटा को टाटा संस का अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है। मिस्त्री ने इसे अवैध तख्ता पलट करार देते हुए कहा कि उन्होंने शेयरधारकों को अपने प्रस्तुतियों में ब्यौरे सहित बताया था कि टाटा ट्रस्टों के न्यासियों की कार्रवाई से टाटा संस में कामकाज का संचालन छिन्न भिन्न हो गया है।
उन्होंने कहा है, बीते कुछ हफ्तों में, बागडोर संभालने वालों के व्यवहार से नैतिक मानकों का अभाव और खुलकर सामने आया है। मिस्त्री ने अपनी इस लड़ाई को खोए हुए नैतिक आधार को पाने व कंपनियों के संचालन को पाक साफ बनाने का आंदोलन करार दिया है। मिस्त्री ने कहा है कि उन्होंने अपने अभियान को किसी बड़े मंच पर ले जाने का फैसला किया है। ऐसा मंच जहां विधिसम्मत कानून हो।
हालांकि उन्होंने इस मंच के बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन जानकारों का कहना है कि वह उन्हें हटाये जाने के खिलाफ अदालत का रुख कर सकते हैं।
टाटा संस जो कि समूह कंपनियों की होल्डिंग कंपनी है ने समूह की सूचीबद्ध कंपनियों से मिस्त्री को निदेशक पद से हटाने का प्रस्ताव रखते हुये इनकी असाधारण आम बैठक बुलाई थी।
भाषा