भारत की सॉवरेन रेटिंग घटाने के एक ही दिन बाद मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को 11 कंपनियों की रेटिंग भी गिरा दी। इनमें टीसीएस और इनफोसिस समेत आठ नॉनफाइनेंशियल कंपनियां और तीन बैंक एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और एक्जिम शामिल हैं। मूडीज ने कहा है कि कोरोनावायरस महामारी के चलते बिजनेस में पहुंची बाधा और भारत की सॉवरेन रेटिंग घटाने घटाए जाने के कारण ही इन कंपनियों की रेटिंग भी नीचे की गई है। सोमवार को मूडीज ने 22 साल में पहली बार भारत की रेटिंग घटाते हुए बीएए3 कर दी थी। यह निवेश ग्रेड में सबसे निचली रैंकिंग है। इसके नीचे की रैंकिंग को जंक माना जाता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की रेटिंग नहीं घटाई, पर आउटलुक निगेटिव किया
जिन आठ नॉनफाइनेंशियल कंपनियों की रेटिंग घटाई गई है उनमें ओएनजीसी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, पेट्रोनेट एलएनजी, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस शामिल हैं। इन सबका आउटलुक भी निगेटिव रखा गया है। मूडीज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की रेटिंग तो नहीं घटाई लेकिन उसका आउटलुक स्थिर से बदलकर निगेटिव कर दिया है।
एसबीआई, एचडीएफसी की रेटिंग बीएए3 की
जहां तक बैंकों की बात है तो मूडीज ने एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के फॉरेन करेंसी डिपॉजिट की रेटिंग बीएए3 कर दी है जो पहले बीएए2 थी। यही स्थिति एक्जिम बैंक की भी है। मूडीज ने बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की फॉरेन करेंसी डिपॉजिट रेटिंग बीएए3 को भी समीक्षा के अधीन रखा है।
मूडीज के अनुसार भारत की स्थिति उसके पिछले अनुमानों से कहीं ज्यादा खराब हो सकती है। मूडीज ने भारत की लांग टर्म फॉरेन करेंसी बांड और बैंक डिपॉजिट सीलिंग को भी क्रमशः बीएए1 और बीएए2 से घटाकर बीएए2 और बीएए3 कर दिया है। मूडीज के अनुसार भारत की विकास दर उसकी क्षमता के मुकाबले लंबे समय से धीमी बनी हुई है जिसके कारण कर्ज बढ़ रहा है, और वित्तीय तंत्र पर दबाव आ रहा है। इस कारण संस्थाओं को नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।