अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर सर्विसेज ने नीरव मोदी घोटाले की वजह से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की पूंजी पर नकारात्मक प्रभाव का हवाला देते हुए बैंक की साख (रेटिंग) घटा दी है। मूडीज ने सोमवार को इसके अलावा बैंक के आंतरिक नियंत्रण को भी कमजोर बताया है। हालांकि, एजेंसी ने बैंक के रेटिंग परिदृश्य को स्थिर रखा है जो यह दर्शाता है कि बैंक में हुई धोखाधड़ी के नकारात्मक प्रभाव को बहुत हद तक समाहित कर लिया गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार मूडीजने पीएनबी की रेटिंग को बीएए3 पी-3 से घटाकर बीए1 एनपपी कर दिया है। इसके साथ ही बैंक के आधारभूत ऋण आकलन (बीसीए) को भी कम कर इसे बीए3 से घटाकर बी1 कर दिया है। इस साल फरवरी में पंजाब नेशनल बैंक ने घोषणा की थी कि उसने 11,390 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले और अनधिकृत लेनदेन पकड़े हैं। बाद में इस घोटाले की राशि बढ़कर 14,400 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
बैंक में धोखाधड़ी सामने आने के बाद मूडीज ने 20 फरवरी, 2018 को बैंक की साख की समीक्षा शुरू की थी। रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि बैंक को सरकार से कुछ पूंजी समर्थन मिलेगा। इसके अलावा बैंक अपनी गैर प्रमुख संपत्तियों की बिक्री से भी कुछ पूंजी जुटा पाएगा। इसमें रीयल एस्टेट संपत्तियों के अलावा सूचीबद्ध आवास वित्त अनुषंगी पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में आंशिक हिस्सेदारी बिक्री शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन संसाधनों के बावजूद बैंक का पूंजीकरण धोखाधड़ी सामने आने से पहले के स्तर पर नहीं पहुंच पाएगा।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि बैंक को वित्त वर्ष 2018-19 में करीब 12,000 से 13,000 करोड़ रुपये की बाह्य पूंजी की जरूरत होगी तभी वह न्यूनतम बासेल तीन सीईटी-1 अनुपात को मार्च, 2019 तक आठ प्रतिशत पर रख पाएगा। इसमें कहा गया है कि सरकार ने 21 सरकारी बैंकों में 65,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का बजट रखा है। हालांकि, मूडीज का अनुमान है कि पूंजी की भारी कमी से पीएनबी की अगले साल अपने ऋण को बढ़ाने की क्षमता प्रभावित होगी।