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IL&FS; का कंट्रोल अब सरकार के हाथ में, ट्रिब्यूनल ने दी बोर्ड के पुनर्गठन की मंजूरी

अब इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (IL&FS) पर सरकार का नियंत्रण होगा। पीटीआई के...
IL&FS; का कंट्रोल अब सरकार के हाथ में, ट्रिब्यूनल ने दी बोर्ड के पुनर्गठन की मंजूरी

अब इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (IL&FS) पर सरकार का नियंत्रण होगा। पीटीआई के मुताबिक, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय (MCA) को IL&FS बोर्ड के पुनर्गठन की मंजूरी दे दी है। नए बोर्ड को 8 अक्टूबर से पहले बैठक करनी होगी। उदय कोटक 6 सदस्यीय बोर्ड के प्रमुख होंगे। मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी। सरकार के कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने IL&FS को लेकर NCLT में अर्जी दी थी। इस मसले पर कांग्रेस जहां सरकार पर हमलावर है तो वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर देश की अर्थव्यवस्था को जोखिम में डालने का आरोप लगाया है।

बोर्ड में ये लोग होंगे शामिल

बोर्ड में कोटक महिंद्रा बैंक के चेयरमैन उदय कोटक, पूर्व आईएएस अधिकारी विनीत नैय्यर, पूर्व सेबी प्रमुख जीएन बाजपेयी, ICICI बैंक के पूर्व चेयरमैन जीसी चतुर्वेदी और पूर्व आईएएस अधिकारी मालिनी शंकर और नंद किशोर होंगे। सिर्फ IL&FS पर 16,500 करोड़ रुपए का कर्ज है। उसकी सभी कंपनियों को मिलाकर कुल 91 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। बैंक और इंश्योरेंस कंपनियों का इसमें बड़ा हिस्सा है।

2009 में सत्यम कंपनी का सरकार ने किया था टेकओवर

भारत में ऐसा बहुत कम होता है कि सरकार अपने कंट्रोल में किसी कंपनी को लेती है। पिछली बार ऐसा 2009 में हुआ था, जब फ्रॉड के बाद ‘सत्यम’ कंपनी को सरकार ने अपने कंट्रोल में लिया था।

वित्तीय कंपनियों के जरिए दी जाएगी रकम

कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि सरकार IL&FS ग्रुप में अस्थायी तौर पर लिक्विडिटी डालेगी। इसको वित्तीय कंपनियों के जरिए रकम दी जाएगी ताकि कोई और डिफॉल्ट न हो। बयान के मुताबिक, कैपिटल और फाइनेंशियल मार्केट की स्थिरता के लिए ये जरूरी था। किसी और वित्तीय डिफॉल्ट के लिए ये कदम उठाना जरूरी था। इसमें एसेट के बिक्री, देनदारी की रिस्ट्रक्चरिंग और कंपनी में और फंड डालने की जरूरत होगी। मंत्रालय के बयान के मुताबिक विश्वास बनाए रखने के लिए पुराने बोर्ड को हटाकर नया मैनेजमेंट लाना जरूरी था। इसलिए ही सरकार ने NCLT में अर्जी दी।

कंपनी में एलआईसी की हिस्सेदारी

हाल ही में कंपनी ने 4500 करोड़ के राइट्स इश्यू पर एजीएम की थी। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के पूर्व चेयरमैन एस एम माथुर की अध्यक्षता में IL&FS के निदेशक मंडल ने शनिवार को इस पर बैठक बुलाई थी। IL&FS में एलआईसी की 25.34 फीसदी और ओरिक्स की 23.54 फीसदी हिस्सेदारी है। IL&FS पर ऋणदाताओं का 91,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है लेकिन 27 अगस्त से लगातार ऋण में चूक में कर रही है।

इन लोगों ने कंपनी से दिया इस्तीफा

कंपनी को तत्काल 3,000 करोड़ रुपये की पूंजी की जरूरत है। इससे पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली कह चुके हैं कि सरकार की इस मामले पर पैनी नजर है। IL&FS के वित्तीय सेवाओं के एमडी और सीईओ रमेश सी बावा ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों -रेणु चाल्लू, सुरिंदर सिंह कोहली, शुभलक्ष्मी पानसे और उदय वेद के साथ-साथ गैर-कार्यकारी निदेशक वैभव कपूर ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त करने पर तुली है कांग्रेस
इस मसले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और कांग्रेस को राष्ट्रीय आपदा करार दिया। अरुण जेटली के अनुसार कांग्रेस एक कंपनी के बहाने देश की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करना चाहती है। कांग्रेस में दूरदृष्टि और स्टेट्समैनशिप की कमी है।
अपनी फेसबुक पोस्ट में अरुण जेटली ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कंग्रेसी नेता के.वी.थॉमस, जो इस समय पब्लिक एकाउंट कमिटी के प्रमुख भी हैं, का एक पत्र शेयर किया है जिसमें थॉमस आइएल एंड एफएस में निवेश के जरिए कंपनी को बचाने के लिए कह रहे हैं।
वित्त मंत्री ने इस पत्र को शेयर करते हुए लिखा है कि कांग्रेस नेतृत्व को उनसे कुछ सीखने की जरूरत है।

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