विशाखापत्तनम की फैक्ट्री में गैस लीकेज के हादसे के बाद नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) ने लॉकडाउन के बाद उद्योगों को दोबारा शुरू करने के लिए गाइडलाइन जारी की है। अथॉरिटी ने प्लांट और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया है।
राज्यों को एनडीएमए ने गाइडलाइन भेजी
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे पत्र में एनडीएमए ने कहा कि पिछले कई हफ्तों से लॉकडाउन के कारण फैक्ट्रियां बंद हैं, ऐसे में संभावना है कि कुछ ऑपरेटर प्लांट चालू करने की तय प्रक्रिया का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। इस वजह से उत्पादन प्लांट, पाइपलाइन, वाल्व में कोई केमिकल रह जाए जो घातक हो सकता है। खतरनाक केमिकल और ज्वलनशील पदार्थों के गोदामों में भी ऐसा संभव है।
पहले हफ्ते ट्रायल करें, लक्ष्य पूरा नहीं करें
एनडीएमए की गाइडलाइन के अनुसार किसी यूनिट को दोबारा चालू करते समय पहला सप्ताह ट्रायल के तौर माना जाना चाहिए और सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाना चाहिए। कंपनियों को उच्च उत्पादन लक्ष्य हासिल करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
सेनेटाइज के लिए भी गाइडलाइन
एनडीएमए ने कहा है कि चौबीसों घंटे फैक्ट्री परिसर को सेनेटाइज करना चाहिए। फैक्ट्री के कॉमन एरिया और लंच रूम वगैरह को हर दो-तीन घंटे बाद सेनेटाइज करा चाहिए। कॉमन टेबल को हर बार इस्तेमाल के बाद डिसइन्फेक्टेंट से साफ किया जाना चाहिए। रहने के स्थान के बारे में कहा गया है कि वहां भी नियमित रूप से सेनेटाइज करना चाहिए ताकि संक्रमण को रोका जा सके।
हादसे टालने को कर्मचारियों को तैयार करें
एनडीएमए का कहना है कि जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक है कि किसी खास उपकरण पर काम करने वाले कर्मचारियों को सेनेटाइज किया जाए। इन कर्मचारियों को जागरूक किया जाए ताकि वे किसी भी असामान्य आवाज, गंध, खुले तार, लीकेज, धुएं और कंपन को पहचान कर सचेत कर सकें। इससे प्लांट में किसी भी तरह की दुर्घटना को टालते हुए समय रहते मरम्मत की जा सकती है और आवश्यक होने पर शटडाउन लिया जा सकता है।