नीति आयोग ने अपने सुझाव कहा है कि सरकार को एयर इंडिया में और निवेश नहीं करना चाहिए। वह स्वाथ्य और शिक्षा के क्षेत्र में और धन आवंटित कर सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मामलों का दिया उदाहरण
आयोग ने कई अंतरराष्ट्रीय मामलों का उदाहरण देते हुए कहा है कि सरकार को एयर इंडिया के अपने सभी शेयर बेच देने चाहिए। उन्होंने ब्रिटिश एयरवेज, जापान एयरलाइंस और ऑस्ट्रियन एयर का उदाहरण दिया।
बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ दिन पहले एयर इंडिया के विनिवेश की वकालत की थी। इधर नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा है कि एयरलाइन के लिए कोई विकल्प बंद नहीं किया गया है।
विमानन मंत्री ने कहा है कि, नीति आयोग ने एयर इंडिया को मजबूत और व्यावहारिक बनाने के लिए सिफारिशें की हैं।
सरकार को एयर इंडिया पर गर्व: राजू
विमानन मंत्री राजू ने कहा कि सरकार को एयर इंडिया पर गर्व है। एयरलाइन में पूर्व में हुई अनियतिताओं से संबंधित मामलों में मंत्रालय सीबीआई से सहयोग करेगा। तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने 2012 में एयर इंडिया के लिए 30,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, जो कि दस साल के दौरान दिया जाएगा। इसी पैकेज के बूते एयर इंडिया परिचालन में बनी हुई है। फिलहाल एयरलाइन अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने का प्रयास कर रही है।
कर्ज के तले एयर इंडिया
गौरतलब है कि एयर इंडिया पर 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें विमान खरीदने से संबंधित 21,000 करोड़ और एयर इंडिया को चलाने के लिए 8,000 करोड़ का कर्ज है।