13 हजार करोड़ रुपए के नीरव मोदी घोटाले के बाद लगातार घाटे में चल रहे पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 246.51 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। सालाना आधार पर यह 7.12% ज्यादा है। 2017 की दिसंबर तिमाही में बैंक को 230.11 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। 2018 की दिसंबर तिमाही में एनपीए की प्रोविजनिंग घटने की वजह से पीएनबी मुनाफे में आया। इससे पहले लगातार 3 तिमाही नुकसान में रहा था। अधिकारियों को कहना है कि अब पीएनबी नीरव मोदी के घोटाले से उबर चुका है।
‘एनपीए परसेंटेज को घटाने में मदद मिली’
पीएनबी के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा कि पहली तीन तिमाही की हमारी रिकवरी 16000 करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल की रिकवरी की तीन गुनी है। इससे हमें एनपीए परसेंटेज को 18.32 फीसदी से 16.33 फीसदी तक घटाने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा, ''पहले क्वार्टर में 5250 करोड़ रुपए की फिसलन आई थी। दूसरे क्वार्टर में यह 4470 करोड़ रुपए हुई। तीसरे क्वार्टर में यह 3200 करोड़ हुई। यानी हर क्वार्टर में सुधार हुआ है। इससे हमें बैंक के घाटे को पूरा करने में मदद मिली। विजय माल्या के मसले पर उन्होंने कहा कि उनकी संपत्तियों की रिकवरी लीगल प्रक्रिया के हिसाब से होगी। न्यायिक प्रक्रिया अभी भी चल रही है।''
दिसंबर तिमाही में पीएनबी ने कुल 2,753.84 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग की। इसमें से एनपीए के लिए 2,565.77 करोड़ रुपए की प्रोविजनिंग की गई। 2017 की दिसंबर तिमाही में कुल प्रोविजनिंग 4,466.68 करोड़ रुपए और एनपीए के लिए प्रोविजनिंग 2,996.42 रही थी।
दिसंबर तिमाही में इतनी हुई इनकम
बैंक की कुल आय 2.64% घटकर 14,854.24 करोड़ रुपए रह गई। 2017 की दिसंबर तिमाही में 15,257.5 की इनकम हुई थी। नेट इंटरेस्ट इनकम 4,289 करोड़ रुपए रही है।
पीएनबी के एनपीए में कमी आई है। दिसंबर तिमाही में नेट एनपीए 8.22% और ग्रॉस एनपीए 16.33% रहा है। सितंबर तिमाही में नेट एनपीए 8.90% और ग्रॉस एनपीए 17.16% था। 2017 की दिसंबर तिमाही में नेट एनपीए 7.55% और ग्रॉस एनपीए 12.11% था।
पीएनबी के एमडी और सीईओ सुनील मेहता का कहना है कि बैंक के वित्तीय नतीजे पटरी पर लौटे हैं। हमने अपनी बात पूरी की है। बैंक नीरव मोदी के घोटाले से उबर चुका है।
नीरवमोदी के घोटाले की वजह से हुआ था 13417 करोड़ का घाटा
पीएनबी को 2018 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 4,532.35 करोड़ रुपए और जून तिमाही में 940 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। जनवरी-मार्च में 13,417 का घाटा हुआ। यह भारतीय बैंकिंग इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है।