भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने नो योर कस्टमर (केवाईसी) और परिचालन संबंधी दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए एयरटेल पेमेंट बैंक पर पांच करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। बैंकों के दस्तावेजों की जांच करने के बाद रिजर्व बैंक ने जुर्माना लगाया है। जांच में पता चला कि ग्राहक से सहमति लिए बगैर ही उनके बैंक खाते खोल दिए गए।
आरबीआइ ने एक बयान में कहा कि उसने सात मार्च को एयरटेल पेमेंट बैंक लिमिटेड पर पांच करोड़ रुपये जुर्माना लगाने का फैसला किया क्योंकि परिचालन और केवाईसी संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन मिला। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ग्राहकों की सहमति के बिना एयरटेल बैंक में खाता खोले जाने की शिकायतों और यह मामला चर्चाओं में आने के बाद रिजर्व बैंक ने 20-22 नवंबर 2017 को बैंका का निरीक्षण किया था।
रिजर्व बैंक की जांच रिपोर्ट के अनुसार, 23 लाख से ज्यादा ग्राहकों के एयरटेल पेमेंट बैंक के खातों में 47 करोड़ रुपये जमा हुए। जबकि उन्हें जानकारी नहीं थी कि उनका बैंक खाता खोल दिया गया है। निरीक्षण दौरे की रिपोर्ट और संबंधित दस्तावेजों से यह स्पष्ट हो गया कि बैंक ने परिचालन और केवाईसी संबंधी निर्देशों का उल्लंघन किया। इसके बाद आरबीआइ ने बैंक को 15 जनवरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
बैंक के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई में दिए गए तर्को को सुनने के बाद आरबीआइ ने माना कि उस पर लगे आरोप सही हैं। इसलिए उस पर जुर्माना लगाने का फैसला किया गया। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि नियामकीय अनुपालन में गड़बड़ी के लिए जुर्माना लगाया गया है। लेकिन उसके लेनदेन और बैंक के ग्राहकों के समझौते की वैधता पर इसका कोई असर नहीं होगा।
गौरतलब है कि पिछले साल एयरटेल के मोबाइल उपभोक्ताओं की ओर से शिकायतें आने लगीं कि उनकी जानकारी के बगैर बैंक खाते खोल दिए गए और एलपीजी सब्सिडी वगैरह उनके मूल खाते में जमा होने के बजाय इस बैंक के खाते में जमा होने लगी।
सब्सिडी मूल खाते में न जाने और नए खाते में जमा होने की शिकायतों ने तूल पकड़ा तो आरबीआइ के अलावा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने भी जांच शुरू कर दी। आधार से मोबाइल नंबर के पुनर्सत्यापन के समय ही बैंक खाते खोले गए। इस तरह यूआइडीएआइ के आधार संबंध नियमों का भी उल्लंघन होने के आरोप लगे।
बता दें कि पिछले दिनों नोटबंदी से जुड़े निर्देशों का पालन नहीं करने पर आरबीआई ने एसबीआई पर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। हाल ही में आरबीआई ने गैर-निष्पादित परिसंपत्ति वर्गीकरण के मानदंडों के उल्लंघन के लिए एक्सिस बैंक पर 30 करोड़ रूपये और केवाईसी नियमों का पालन न करने के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक पर 20 मिलियन रूपये का मौद्रिक दंड लगाया था।