भारतीय रिजर्व बैंक (आईबीआई) की ओर से पिछले साल जारी किए गए 2,000 रुपये के नोटों का चलन बंद हो सकता है। इन नोटों की छपाई को रोक सकता है या फिर रोक दिया है। यही नहीं केंद्रीय बैंक ने इस सबसे बड़े नोट को जारी करना भी शायद बंद कर दिया है। ऐसा हम नहीं बल्कि देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी की गई एक रिसर्च रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
आरबीआई की ओर से पिछले दिनों लोकसभा में पेश की गई सालाना रिपोर्ट के आधार पर एसबीआई इकोफ्लैश ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्रीय बैंक ने 8 दिसंबर 2017 तक 15,78,700 करोड़ रुपये मूल्य के बड़े नोटों की छपाई की है, जिसमें से 2,46,300 करोड़ रुपये मूल्य के नोटों की आपूर्ति बाजार में नहीं की गई है।
इस आधार पर ही एसबीआई ग्रुप की चीफ इकॉनमिक अडवाइजर सौम्या कांति ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की संभावना जताई है कि आरबीआई की ओर से 2,000 के नए नोटों की छपाई को रोका जा सकता है। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात की संभावना है कि आरबीआई की ओर से 2,463 अरब रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोटों को जारी करने की बजाय 50 और 200 रुपये के नोटों को ही जारी किया जाए।
इकोफ्लैश की रिपोर्ट के मुताबिक, 2,000 रुपये के नोटों को मार्केट में भुनाने में समस्याएं आ रही हैं। खुले पैसों की समस्या के चलते आरबीआई ने शायद इनकी छपाई को धीरे-धीरे कम कर दिया है। नोटबंदी के बाद केंद्रीय बैंक ने इनकी तेजी से छपाई की थी ताकि कैश की कमी को दूर किया जा सके। इसका अर्थ यह भी है कि सरकार और आरबीआई देश में प्रचलन में चल रही मुद्रा में 35% हिस्सा छोटे नोटों का रखना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि बीते साल 8 नवंबर को रात आठ बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को वापस लेने का ऐलान किया था। उस वक्त देश में प्रचलित मुद्रा में इनकी हिस्सेदारी 86 से 87% तक की थी। नोटबंदी के बाद देश में कैश की बड़ी कमी देखी गई थी और इस दबाव से निपटने के लिए ही केंद्रीय बैंक ने तेजी से 2000 रुपये के नोटों की छपाई की थी