भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले 13 बैंकों के कंसोर्टियम ने भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या की भारत में मौजूद संपत्तियों को बेचकर 963 करोड़ रुपये की वसूल कर लिए हैं। माल्या पर बैंकों से करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग का आरोप है।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक अरिजीत बसु ने इस खबर की जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय बैंकों ने ब्रिटेन के साथ मिलकर बकाया वसूली की कोशिशें तेज कर दी हैं। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बसु ने कहा कि गुरूवार को ब्रिटेन के एक हाईकोर्ट ने ब्रिटिश प्रवर्तन अधिकारियों को लंदन में माल्या की संपत्तियों में तलाशी और जब्ती का आदेश दिया है। यह फैसला भारतीय बैंकों के भी पक्ष में है। इससे कर्ज का बड़ा हिस्सा वसूल हो जाएगा।
पूरा बकाया कर्ज वसूलने में मिलेगी मदद: बैंक प्रबंध निदेशक
अरिजीत बसु ने बताया कि ब्रिटेन की अदालत का आदेश दुनिया भर में माल्या की संपत्तियां जब्त करने का है। इससे भारतीय बैंकों को पूरी बकाया रकम वसूल करने में मदद मिलेगी। बैंकों के कंसोर्टियम ने माल्या की बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज दिया था।
ब्याज समेत माल्या पर बकाया थे 9,000 करोड़ रुपये
31 जनवरी, 2014 तक माल्या पर बैंकों के 6,963 करोड़ रुपये बकाया थे। 2016 तक ब्याज सहित कर्ज की राशि करीब 9,000 करोड़ रुपये हो गई। कर्ज चुकाने का दबाव बढ़ा तो मार्च, 2016 में माल्या विदेश भाग गया।
अपने ऊपर लगे आरोपों को माल्या ने राजनीति से प्रेरित बताया
गौरतलब है कि हाल में उसने अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया था। उसने भारत में अपनी संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कब्जे से मुक्त करने की अपील की थी, ताकि उन्हें बेचकर बैंकों का कर्ज चुका सके। ईडी ने इसकी इजाजत देने से इनकार कर दिया था।