भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर पद स उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया है। पटेल ने अपने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि वह आरबीआई के गवर्नर पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहे हैं। पटेल ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्षों तक आरबीआई में विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी सेवाएं देना मेरे लिए गर्व की बात है।
कार्यकाल पूरा होने से 9 महीने पहले दिया इस्तीफा
आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने कार्यकाल पूरा होने से 9 महीने पहले ही इस्तीफा दिया है। सितंबर 2019 में पटेल का कार्यकाल खत्म होने वाला था। 4 सितंबर 2016 को उर्जित पटेल आरबीआई गवर्नर का पद संभाला था।
जानें इस्तीफे में उर्जित पटेल ने क्या कहा
उर्जित पटेल ने इस्तीफे में कहा है, 'व्यक्तिगत कारणों की वजह से मैंने मौजूदा पद तत्काल प्रभाव से छोड़ने का फैसला किया है। वर्षों तक रिजर्व बैंक में विभिन्न जिम्मेदारियों के साथ मुझे रिजर्व बैंक में सेवा का मौका मिला, यह मेरे लिए सम्मान की बात है।'
उन्होंने आगे लिखा, 'आरबीआई स्टाफ, ऑफिसर्स और मैनेजमेंट के समर्थन और कड़ी मेहनत से बैंक ने हाल के वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। मैं इस मौके पर अपने साथियों और आरबीआई के डायरेक्टर्स के प्रति कृतज्ञता जाहिर करता हूं और उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं।'
पिछले कुछ समय से रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच चल रही थी तनानती
रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच पिछले कुछ समय से कई मुद्दों को लेकर तनातनी चल रही थी। हालांकि पिछले दिनों आरबीआई की बोर्ड बैठक के बाद खबर आई थी कि सरकार और उर्जित पटेल के बीच चीजें ठीक हो गई हैं, लेकिन सोमवार को अचानक उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
आरबीआई की स्वायत्ता, नोटबंदी और उसके रिजर्व को सरकार को ट्रांसफर किए जाने समेत अन्य अहम मुद्दों पर सरकार के साथ टकराव चल रहा था। पटेल हाल ही में वित्तीय मामलों पर गठित संसदीय समिति के समक्ष भी पेश हुए थे, जहां उन्होंने नोटबंदी के फैसले पर सावधानी पूर्वक जवाब दिया था।
नोटबंदी को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि इससे अर्थव्यवस्था पर 'क्षणिक' प्रभाव पड़ा। हालांकि उन्होंने आरबीआई एक्ट की धारा 7 को बहाल किए जाने, एनपीए और केंद्रीय बैंक की स्वायत्ता के साथ अन्य विवादित मुद्दों को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दिया। पटेल के इस्तीफे को लेकर सरकार की तरफ से अभी तक किसी तरह की आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
विवादों के बीच केन्द्र सरकार ने दिया था ये बयान
गौरतलब है कि हाल ही में केन्द्रीय बैंक गवर्नर और केन्द्र सरकार में स्वायत्तता को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। हालांकि इस विवाद के बाद केन्द्र सरकार ने बयान दिया था कि उसके और केन्द्रीय बैंक के बीच स्वायत्तता को लेकर कोई विवाद नहीं है। खबरों के मुताबिक, केन्द्र सरकार और आरबीआई के विवाद के बीच केन्द्र सरकार द्वारा आरबीआई के खजाने में पड़े सिक्योरिटी डिपॉजिट को लेकर था। रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्र सरकार केन्द्रीय रिजर्व से अधिक अंश की मांग कर रहा था।
चिदंबरम ने कहा, देर से लिया फैसला
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि उर्जित पटेल ने इस्तीफा देने का फैसला देर से किया। चिदंबरम ने ट्वीट किया कि उर्जित पटेल को 19 नवंबर को ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। बता दें कि 19 नवंबर को आरबीआई बोर्ड की बैठक थी। पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार अपने हिसाब से आरबीआई को चलाना चाहती है और अब सरकार का इरादा अपने वित्तीय घाटे की भरपाई और चुनावी साल में खर्च के लिए आरबीआई के कैश सरप्लस को हासिल करना है।
मोदी ने कहा वित्तीय स्थिरता लाई
डॉ. उर्जित पटेल बहुत ही काबिल व्यक्ति हैं। उनके नेतृत्व में बैंकिंग सिस्टम में वित्तीय स्थिरता आई, उन्होंने बैंकिंग सिस्टम को अव्यवस्था से बाहर निकाला। वो पिछले छह साल से रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया में डिप्टी गवर्नर और गवर्नर के तौर पर काम करते रहे, वो अपने पीछे एक महान विरासत छोड़कर जा रहे हैं. हम उन्हें बहुत अधिक याद करेंगे।