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अगस्त में खुदरा महंगाई बढ़कर 3.21 प्रतिशत हुई, बीते 10 महीने में सबसे ज्यादा

खुदरा (रिटेल) महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 3.21% पहुंच गई। यह 10 महीने में सबसे ज्यादा है। इससे ज्यादा 3.38%...
अगस्त में खुदरा महंगाई बढ़कर 3.21 प्रतिशत हुई, बीते 10 महीने में सबसे ज्यादा

खुदरा (रिटेल) महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 3.21% पहुंच गई। यह 10 महीने में सबसे ज्यादा है। इससे ज्यादा 3.38% अक्टूबर 2018 में थी। अगस्त में खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से महंगाई दर पर असर पड़ा। आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गई। हालांकि, मुद्रास्फीति अभी भी रिजर्व बैंक के लक्ष्य के दायरे में है, इससे नीतिगत दरों में कटौती की संभावना बरकरार है।

जुलाई में 3.15 प्रतिशत थी खुदरा मुद्रास्फीति दर

इससे पिछले महीने यानी जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 3.15 प्रतिशत थी जबकि पिछले साल अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति 3.69 प्रतिशत थी। इससे पहले खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2018 में 3.38 प्रतिशत रही थी। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के अगस्त के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में खाद्य सामग्री वर्ग में 2.99 प्रतिशत मूल्य वृद्धि रही, जो जुलाई में 2.36 प्रतिशत थी।

हर क्षेत्र में ये है खुदरा मुद्रास्फीति की दर

खुदरा मुद्रास्फीति स्वास्थ्य क्षेत्र में 7.84 प्रतिशत, पुनर्निर्माण एवं मनोरंजन क्षेत्र में 5.54 प्रतिशत तथा व्यक्तिगत देखभाल क्षेत्र में 6.38 प्रतिशत रही। शिक्षा क्षेत्र में इसकी दर 6.10 प्रतिशत, मांस एवं मछली में 8.51 प्रतिशत, दाल एवं अन्य उत्पादों में 6.94 प्रतिशत तथा सब्जियों के दाम में 6.90 प्रतिशत वृद्धि रही।

सबसे अधिक असम में खुदरा मुद्रास्फीति की दर

खुदरा मुद्रास्फीति की दर सबसे अधिक असम में 5.79 प्रतिशत रही। इसके बाद कर्नाटक में 5.47 प्रतिशत और उत्तराखंड में 5.28 प्रतिशत रही। खास बात यह रही कि चंडीगढ़ में यह दर शून्य से 0.42 प्रतिशत नीचे रही। इस दौरान देश में ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा मुद्रास्फीति की दर 2.18 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 4.49 प्रतिशत रही।

आरबीआई के लक्ष्य के दायरे में रही खुदरा महंगाई

अगस्त में खुदरा महंगाई दर में थोड़ा इजाफा हुआ लेकिन, यह अभी भी आरबीआई के लक्ष्य से नीचे है। आरबीआई का लक्ष्य रहता है कि खुदरा महंगाई दर 4% के आस-पास रहे। रिजर्व बैंक ब्याज दरें तय करते वक्त खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। लक्ष्य से कम महंगाई दर बाजार में मांग कम होने का संकेत देती है। ऐसे में आरबीआई द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीद रहती है। खुदरा महंगाई दर 13 महीने से 4% के नीचे बनी हुई है।

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