डॉलर के मुकाबले रुपये में और गिरावट आ सकती है, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक घरेलू मुद्रा की कमजोरी को थामने के लिए मौद्रिक समीक्षा में ‘परंपरागत’ तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। एसबीआई की मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
मंगलवार को डॉलर की मजबूत मांग से रुपया 16 पैसे और टूटकर 71.37 प्रति डॉलर के अपने नए सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एसबीआई की शोध रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक फिलहाल विदेशी विनिमय बाजार में हस्तक्षेप नहीं करने की नीति अपनाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘जून, 2016 से रुपया 6.2 प्रतिशत टूट चुका है। उस समय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू की थी। हालांकि, रुपये में गिरावट डॉलर की मजबूती की वजह से है, लेकिन हमारा मानना है कि इसमें अभी और गिरावट आएगी।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के समय में रिजर्व बैंक के कई ऐसे बयान आए हैं जिनपर बाजार का ध्यान नहीं गया है।
उदाहरण के लिए अगस्त के मासिक बुलेटिन तथा रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक के विदेशी विनिमय बाजार में हस्तक्षेप की लागत की विस्तार से चर्चा की गई है।
एसबीआई ने रुपये की गिरावट पर अंकुश के लिए स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) को जल्द से जल्द शुरू करने की वकालत की है।