भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने घर के लिए कर्ज लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। देश के सबसे बड़े बैंक ने बेस रेट में 30 प्वाइंट की कटौती कर इसे 8.65 फीसदी कर दिया है। पहले यह 8.95 फीसदी थी। इससे कर्ज लेने वालों की ईएमआइ कम हो जाएगी। यह व्यवस्था एक जनवरी से लागू हो गई। इससे करीब 80 लाख ग्राहकों को फायदा मिलने की उम्मीद है। बैंक ने नए होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस में छूट की अवधि भी मार्च तक बढ़ा दी है।
यह फायदा उन्हीं ग्राहकों को मिलेगा जिनके कर्ज अभी भी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट यानी सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) की जगह बेस रेट से जुड़े हों। अप्रैल 2016 में एमसीएलआर की व्यवस्था शुरू होने से पहले कर्ज पर ब्याज बेस रेट से ही तय होता था। बैंक की फंड लागत से जुड़े एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक साल का एमसीएलआर 7.95 फीसदी है। यानी अप्रैल 2016 या इसके बाद कर्ज लेने वालों की ईएमआई नहीं घटेगी।
एसबीआइ के खुदरा और डिजिटल बैंकिंग के प्रबंध निदेशक पीके गुप्ता ने कहा, ‘‘हमने दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ब्याज दर की समीक्षा की और जमा पर ब्याज दरों के आधार पर हमने आधार दर 0.30 प्रतिशत कम कर अब 8.65 प्रतिशत कर दिया है। करीब 80 लाख ग्राहक ब्याज दर की पुरानी व्यवस्था पर है और उन्होंने एमसीएलआर को नहीं अपनाया। इन ग्राहकों को इस कटौती का लाभ होगा। बैंक मासिक आधार पर एमसीएलआर की समीक्षा करता है जबकि आधार दर की समीक्षा तिमाही में होती है।