सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह की बिल्डर कंपनी जेपी इन्फ्रा को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस मामले सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डी वाई चंद्रचुद की पीठ ने नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
मीडियी रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लगभग 32,000 फ्लैट खरीददारों को राहत मिली है, जिन्होंने कंपनी की परियोजनाओं में निवेश किया था।
इससे पहले ट्राइब्यूनल की इलाहाबाद बेंच की ओर से 10 अगस्त को कंपनी को दिवालिया श्रेणी में डालने का आदेश दिया गया था। इस आदेश के बाद उन ग्राहकों की चिंताएं बढ़ गई थीं, जिन्होंने निर्माणाधीन फ्लैटों में निवेश किया है और अब तक पजेशन का इंतजार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि आईडीबीआई बैंक के 500 करोड़ से अधिक लोन नहीं चुकाने पर कंपनी को डिफॉल्टर घोषित किया गया था।
जिसके बाद होम बायर्स ने जेपी इन्फ्रा के खिलाफ एनसीएलटी में चल रही दिवालिया संबंधी कार्यवाही पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी थी। याचिका में कोर्ट से कहा था कि जेपी के प्रोजेक्ट में जिन 32000 लोगों को फ्लैट्स का पजेशन नहीं मिला है, वे इन्सॉल्वेंसी ऑर्डर से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।