आर्थिक सुस्ती के चलते उपभोक्ता सेंटीमेंट प्रभावित होने से प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री में गिरावट सितंबर में भी जारी रही। भारी डिस्काउंट ऑफर देने के बावजूद कंपनियां बिक्री सुधारने में नाकाम रहीं। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री 24.4 फीसदी गिर गई। इस साल सितंबर में उसने 122,640 कारों की बिक्री की जबकि पिछले साल इसी अवधि में 162,290 कारें बिकी थीं।
मारुति सुजुकी के बयान के अनुसार घरेलू बाजार में बिक्री 26.7 फीसदी गिर गई। इस दौरान कारों की बिक्री 153,550 से घटकर 112,500 रह गई। निर्यात में 17.8 फीसदी की गिरावट रही। इस साल सितंबर में 7188 कारों का निर्यात हुआ जबकि पिछले साल सितंबर में 8740 कारों विदेश भेजी गई थी।
कॉमर्शियल वाहनों की भी फीकी बिक्री
कॉमर्शियल वाहनों की प्रमुख कंपनी अशोक लेलेंड ने कहा है कि उसकी बिक्री सितंबर 27 फीसदी घट गई। उसके वाहनों की बिक्री 94,087 से घटकर 68,546 रह गई। कंपनी के मीडियम और हैवी कॉमर्शियल वाहनों की घरेलू बिक्री में 36 फीसदी की गिरावट रही। ट्रकों की बिक्री में तो 74 फीसदी की गिरावट रही। आयशर मोटर्स के भी कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में 43.2 फीसदी की गिरावट रही।
बजाज की बाइकों की भी बिक्री सुस्त
बजाज ऑटो की मोटरसाइकलों की बिक्री 35 फीसदी गिर गई। इस दौरान उसने 177,348 बाइक बेचीं जबकि पिछले साल सितंबर में 273,029 बाइकों की बिक्री हुई थी। कंपनी की कुल वाहन बिक्री 20 फीसदी घटकर 402,035 रह गई। पिछले साल समान अवधि में 502,009 वाहन बिके थे।
कंपनियां उत्पादन रोकने को मजबूर
बिक्री में सुस्ती से निपटने के लिए कई कंपनियों को गैर उत्पादन दिवस घोषित करने पड़े। कंपनियों पर भारी स्टॉक जमा होता जा रहा है। कुछ कंपनियों को कर्मचारियों की संख्या भी कम करनी पड़ी है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की ओर से कम लोन दिए जाने के कारण मांग पर ज्यादा असर हो रहा है। इससे कंपनियों के सामने तरलता की भारी कमी भी आ रही है।