ऑल इंडिया शुगर ट्रेडर्स एसोसिएशन (एआइएसटीए) ने चालू फसल वर्ष में देश में चीनी की उत्पादन घटकर 274 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है। पिछले साल 332 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
एथनॉल उत्पादन में 10 लाख टन का समायोजन
एसोसिएशन का कहना है कि इस साल बी-हेवी मोलेसिस (शीरे) से एथनॉल का उत्पादन होने के कारण दस लाख चीनी समायोजित हो जाएगी। इस समायोजन के बाद देश में उत्पादन 274 लाख टन रहेगा। एसोसिएशन ने पहली बार चीनी उत्पादन का अनुमान जारी किया है।
प्रतिकूल मौसम से महाराष्ट्र में उत्पादन 39 फीसदी गिरा
महाराष्ट्र में पैदावार कम होने के कारण चीनी के उत्पादन में भारी गिरावट आने का अनुमान है। कभी चीनी उत्पादन में सबसे आगे रहने वाला राज्य महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर चल रहा है। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले साल सूखे के कारण गन्ने की फसल प्रभावित हुई थी। जबकि इस साल मानसून सीजन में अत्यधिक बारिश होने के कारण नुकसान हुआ। वहां चीनी का उत्पादन 39 फीसदी घटकर 65 लाख टन रहने का अनुमान है। पिछले साल 107 लाख टन उत्पादन रहा था। कर्नाटट में भी उत्पादन 22.7 फीसदी घटकर 44 लाख टन रह सकता है। पिछले साल वहां 34 लाख टन उत्पादन रहा था।
उत्पादन में 120 लाख टन उत्पादन की संभावना
उत्तर प्रदेश में इस साल चीनी का उत्पादन सुधरने की संभावना है। वहां उत्पादन 118 लाख टन बढ़कर 120 लाख टन होने की संभावना है। यहां बी-हेली मोलैसिस के लिए अतिरिक्त मांग पूरी हो जाएगा। राज्य में कई कंपनियों ने एथनॉल उत्पादन की क्षमता में बढ़ोतरी की है। गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश में उत्पादन में मामूली कमी आने की संभावना है।