अर्थव्यस्था की सुस्ती के चलते ऑटो सेक्टर के अलावा दूसरे कई सेक्टरों में भी मांग घटने की खबरें आ रही थीं। मांग में सुस्ती से परेशान ऑटो कंपनियों ने अपनी निवेश योजनाओं को भी टालना शुरू कर दिया है। सुजुकी मोटर इंडिया ने कहा है कि उसने दोपहिया वाहनों की मांग में मौजूदा सुस्ती को देखते हुए क्षमता बढ़ाने के लिए नए प्लांट में निवेश की योजना टालने का फैसला किया है।
बाजार की स्थितियों के अनुसार फैसला होगा
सुजुकी मोटर के वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स, मार्केटिंग एंड आफ्टर सेल्स) देवाशीष हांडा ने कहा कि क्षमता विस्तार की योजना है लेकिन तुरंत नहीं। हमें नया प्लांट लगाना है लेकिन बीएस-4 के स्थान बीएस-6 के प्रदूषण मानक लागू होने के बाद बाजार में क्या स्थितियां रहती हैं, इस पर ही नया प्लांट लगाने का फैसला किया जाएगा। यह बहुत अहम दौर है। हम स्थितियां सुधरने का इंतजार कर रहे हैं।
इलेक्ट्रिफिकेशन को लेकर भी अनिश्चितता
चालू वित्त वर्ष में दोहरे अंकों की वृद्धि दर हासिल करने वाली इकलौती दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी सुजुकी मोटर का कहना है कि दोपहिया वाहनों इलेक्ट्रिफिकेशन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। उसकी पेरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन भी नया प्लांट लगाने के बारे में इंतजार की नीति अपना रही है।
सुस्ती नहीं आती तो पहले ही लग जाता नया प्लांट
सुजुकी मोटर इंडिया का गुरुग्राम में 10 लाख दोपहिया वाहन बनाने की क्षमता का प्लांट है। कंपनी को इस साल देश में आठ लाख और निर्यात में एक लाख वाहन बिकने की उम्मीद है। हांडा ने कहा कि उत्पादन विस्तार होना तो तय है। अगर सुस्ती नहीं आती तो यह पहले ही हो जाता। उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहनों का पूर्ण इलेक्ट्रफिकिशन लागू होता है, इस पर भी फैसला निर्भर करेगा। हालांकि सरकार ने हाल में स्पष्टीकरण दिया है कि आने वाले समय में इंटरनल कंबुशन इंजन वाली मौजूदा तकनीक और इलेक्ट्रिक दोनों तरह के वाहनों को बेचने की अनुमति होगी।