सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को बेचने की सरकार की योजना में राजनीतिक और कानूनी बाधाएं पैदा हो सकती हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमणियन स्वामी ने सरकार के इस फैसले पर गंभीर आपत्तियां की हैं।
अभी संसदीय समिति विचार कर रही
संभावित खरीदारों से अभिरुचि पत्र (ईओआइ) आमंत्रित करके बिडिंग प्रोसेस शुरू होने से कुछ दिन पहले स्वामी ने एयर इंडिया को बेचने की योजना पर आगाह किया है। उनका कहना है कि इस मसले पर अभी संसदीय समिति द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है। स्वामी ने बताया कि इस समय एयर इंडिया के विनिवेश पर सलाहकार समिति के समक्ष विचार किया जा रहा है। वह खुद भी इस समिति के सदस्य हैं। मुझसे इस मसले पर एक नोट देने को कहा गया है जिस पर अगली बैठक में विचार होगा। सरकार उसके बिना विनिवेश के लिए आगे नहीं बढ़ सकती है। स्वामी ने चेताते हुए कहा कि अगर वे आगे बढ़ते हैं तो वह अदालत की शरण में जाएंगे।
एयर इंडिया की लिस्टिंग का सुझाव
एयर इंडिया के निजीकरण के मुखर विरोधी स्वामी ने पहले सुझाव दिया था कि सरकारी एयरलाइन की पूरी हिस्सेदारी निजी कंपनी को बेचने के बजाय उसके 49 फीसदी शेयर बेचकर सूचीबद्ध कराया जाना चाहिए और 51 फीसदी हिस्सेदारी सरकार को अपने पास रखनी चाहिए। माना जाता है कि इस महीने के शुरू में संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में राज्यसभा सदस्य स्वामी ने एयर इंडिया के निजीकरण पर चिंताएं जताई थीं।
सरकार दे सकती हैं आकर्षक डील
एयर इंडिया को बेचने का पहला प्रयास विफल होने के बाद मोदी सरकार ने इसे बेचने के लिए दोबारा दिलचस्पी दिखाई है। सरकार इस बार एयर इंडिया के बड़े कर्ज और देनदारियों से मुक्त करके संभावित खरीदारों को बेहतर डील दे सकती है। नागरिक विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने पहले कहा था कि अगर विनिवेश सफल नहीं हो पाया तो एयर इंडिया को बंद कर दिया जाएगा।
27 जनवरी को शुरू होने वाली है विनिवेश प्रक्रिया
सूत्रों ने बताया है कि ईओआइ आमंत्रित करने के लिए प्रिलिमिनरी इन्फॉर्मेशन मेमोरेंडम (पीआइएम) 27 जनवरी को जारी किया जा सकता है। एयर इंडिया को उसकी सब्सिडियरी एयर इंडिया एक्सप्रेस और ग्राउंड हैंडलिंग ज्वाइंट वेंचर कंपनी एयर इंडिया सिंगापुर एयरपोर्ट टर्मिनल सर्विसेज लि. (आइएसएटीएस) के साथ बेचने का प्रस्ताव है। ज्वाइंट वेंचर में एयर इंडिया के पास 50 फीसदी हिस्सेदारी है।
एयर इंडिया को बेचने के लिए बनी केंद्रीय गृह मंत्रालय की अध्यक्षता वाली मंत्रियों की समिति ने पिछले 7 जनवरी को विनिवेश के लिए ईओआइ और शेयर परचेज एग्रीमेंट (एसपीए) को मंजूरी दी थी।