अक्टूबर की पहली तारीख से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, जीएसटी, टेलीकॉम सेक्टर और टोल प्लाजा से जुड़े नियमों में बदलाव होने जा रहा है। इन नियमों के चलते जहां लोगों को कुछ फायदे होने के आसार हैं, तो वहीं कुछ मामलों में ये नियम हमारी जेब पर भारी भी पड़ सकते हैं।
जानिए 1 अक्टूबर से नियमों में बदलावों के बाद आपकी जेब पर होगा कितना असर-
नई MRP के साथ मिलेंगे सामान
अक्टूबर की पहली तारीख से आपको नई एमआरपी के साथ सामान मिलेगा। 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने व्यापारियों को सुविधा दी थी कि वे 30 सितंबर तक पुराने सामान पर नई एमआरपी का स्टिकर लगा कर बेच सकते हैं। और अब 30 सितंबर को व्यापारियों की यह सुविधा खत्म हो जाएगी। इसके बाद अगर कोई दुकानदार नई एमआरपी का स्टीकर लगाकर समान बेचता है तो सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
कम हो सकते हैं कॉल रेट
ट्राई यानी टेलीकॉम रेगुलेटर ने इंटरकनेक्शन यूजर्स चार्ज (IUC) में 50% से ज्यादा कटौती करने का फैसला लिया है। अब मोबाइल टर्मिनेशन चार्ज 14 पैसे प्रति मिनट कर दिया गया है। इस लिहाज से इसमें 8 पैसे की कटौती हुई है। नया रेट 1 अक्टूबर से लागू होगा।
अकाउंट बंद कराने पर SBI नहीं लेगा शुल्क
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) अपने खाताधारकों से अकाउंट बंद कराने या सेटल कराने के लिए कोई शुल्क नहीं लेगा। नए नियमों के तहत अगर अकाउंट होल्डर अकाउंट खुलने के 1 साल के बाद अकाउंट बंद कराता है तो उसे कोई शुल्क नहीं देना होगा। अगर कोई SBI में अकाउंट खुलने के 14 दिन के अंदर अकाउंट बंद कराता है तो उसे कोई शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन कोई व्यक्ति अकाउंट खोलने के लिए 14 दिन के बाद और 1 साल पूरा होने से पहले अकाउंट बंद कराता है तो उससे 500 रुपए और जीएसटी देना होगा।
SBI की नई मिनिमम बैलेंस लिमिट होगी लागू
SBI ने मिनिमम अकाउंट बैलेंस के नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के तहत बैंक ने मेट्रो सेंटर्स में लिमिट 5,000 रुपए से घटाकर 3,000 कर दी है। अब मेट्रो और अरबन सेंटर को एक ही कैटेगरी में माना जाएगा। एसबीआई की ओर से कहा गया है कि इससे करीब 5 करोड़ अकाउंट होल्डर्स को फायदा होगा। यह नियम 1 अक्टूबर से लागू हो रहे हैं।
SBI नहीं लेगा इन बैकों के चेक
SBI ने अपने पूर्व सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक के सभी ग्राहकों से अनुरोध किया है वह नए चेकों के लिए आवेदन कर दें। पुरानी चेक बुक और IFSC कोड 30 सितंबर के बाद अमान्य हो जाएंगे। बता दें कि एसबीआई में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक का विलय हो चुका है।
टोल टैक्स देने के लिए नहीं लगानी होगी लाइन
अक्टूबर की एक तारिख से नेशनल हाईवे पर बने सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग लगी गाड़ियां बिना रुके गुजर सकेंगी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआई) के मुताबिक, सभी टोल प्लाजा पर शुक्रवार से डेडिकेटिड फास्टैग लेन तैयार हो गई है। इस लेन पर ऑपरेशन भी शुरू हो गया है। केंद्र सरकार ने पिछले साल फास्टैग लॉन्च किया था।
बता दें कि फास्टैग सिस्टम में गाड़ी के शीशे पर एक टैग लगाया जाता है। टोल प्लाजा पर लगी डिवाइस उसे रीड कर लेती है और टोल टैक्स टोल प्लाजा के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है। फास्टैग को रिचार्ज कराना भी आसान है। इसे ऑनलाइन रिचार्ज किया जा सकता है, जिसके लिए कई बैंकों को अधिकृत किया गया है।