Advertisement

ट्रेडोलॉजी 30-35 कमोडिटी में देगी ऑनलाइन बिजनेस का मौका, 600 करोड़ जीएमवी की उम्मीद

एक जमे-जमाए बिजनेस को छोड़कर दूसरे कारोबार में उतरना आसान नहीं होता है। लेकिन जे.के.अरोड़ा की सोच कुछ...
ट्रेडोलॉजी 30-35 कमोडिटी में देगी ऑनलाइन बिजनेस का मौका, 600 करोड़ जीएमवी की उम्मीद

एक जमे-जमाए बिजनेस को छोड़कर दूसरे कारोबार में उतरना आसान नहीं होता है। लेकिन जे.के.अरोड़ा की सोच कुछ और ही थी। स्टील के बिजनेस में 35 साल से काम कर रहे अरोड़ा ने इंटरनेट की ताकत को पहचान लिया और कमोडिटी ट्रेड में 2015 में ट्रेडोलॉजी डॉट कॉम का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लांच किया। जो कि बिजनेस-टू-बिजनेस सॉल्यूशन कमोडिटी उत्पादों के लिए वैश्विक स्तर पर देती है। कंपनी का ग्रॉस मर्चेन्डाइज वॉल्यूम (जीएमवी) नवंबर 2019 तक 471 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। जिसके मार्च 2020 तक 600 करोड़ रुपये आंकड़ा पार करने की उम्मीद है।

ट्रेडोलॉजी का बिजनेस मॉडल क्या है इस पर चर्चा करते हुए ट्रेडोलॉजी डॉट कॉम के चेयरमैन और सीईओ जे.के.अरोड़ा ने आउटलुक को बताया कि दुनिया में आजकर इंटरनेट आधारित बिजनेस का बोल-बाला है। निवेशकों का भी इस बिजनेस पर काफी भरोसा है। ऐसे में बाजार और ग्राहकों की जरूरत को देखते हुए हमने ट्रेडोलॉजी डॉट कॉम को लांच किया। कंपनी ग्लोबल स्तर पर बिजनेस टू बिजनेस मॉडल के आधार पर कारोबार कर रही है।

क्या है मॉडल

अरोड़ा के अनुसार इस समय हम 5-6 कमोडिटी में काम कर रहे हैं। इसके तहत हम अपने ग्राहकों को रियल टाइम ट्रेडिंग का मौका देते हैं। जिस ग्राहक को किसी कमोडिटी की जरूरत होती है तो वह अपने जरूरत के अनुसार, अपनी डिमांड प्लेटफॉर्म पर देता है। जो भी कमोडिटी से जुड़े सेलर्स होते हैं, वह फिर एक तय समय पर आकर ग्राहक के साथ प्राइसिंग को लेकर बिडिंग करते हैं। जिसके आधार पर ग्राहक अपनी खरीदारी पूरी करता है। अरोड़ा के अनुसार रियल टाइम मौजूदगी होने की वजह से ग्राहकों को न केवल सस्ते कीमत पर उत्पाद मिल रहे हैं। बल्कि सेलर्स को भी फायदा मिलता है। इसकी वजह से यह पूरी तरह से पारदर्शी प्लेटफॉर्म भी बन गया है।

30-35 कमोडिटी में शुरू करेंगे बिजनेस

कंपनी अभी  चावल, स्टील, प्लाइवुड, सीमेंट की ट्रेडिंग का विकल्प अपने ग्राहकों को दे रही है। लेकिन जल्द ही इसे 30-35 कमोडिटी तक ले जाएंगे। इसमें गोल्ड भी शामिल होगा। कंपनी के पास इस समय 3130 एक्टिव सेलर्स हैं। जबकि 8000 टोटल रजिस्टर्ड सेलर्स हैं। इसके अलावा अभी तक 44576 खरीददार ऐसे हैं जो एक से ज्यादा बार हमारे पास आते हैं। इसके अलावा कंपनी बढ़ते बिजनेस को देखते हुए अगले एक से दो साल में आईपीओ लाने की भी तैयारी कर रही है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad