पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) घाटाले के संबंध में मुंबई पुलिस ने गुरुवार को हाउसिंग डवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. (एचडीआइएल) के दो निदेशकों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी।
3500 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच
लोन डिफॉल्टर होने वाले राकेश वाधवान और उनके बेटे सारंग वाधवान को पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। एचडीआइएल की 3500 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी भी पुलिस ने अटैच कर ली है।
आरबीआइ ने निकासी पर लगाई पाबंदी
पीएमसी के आर्थिक संकट में फंसने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने धन निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया। उसने पहले निर्देश दिया कि कोई भी खाताधारक 1000 रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेगा। बाद में यह रकम बढ़ाकर 10,0000 करोड़ रुपये कर दी गई। पीएमसी के संकट में फंसने से वित्तीय क्षेत्र में एक बार फिर घबराहट फैल गई। पीएमसी के खाताधारक उसकी शाखाओं के बाहर एकत्रित होने लगे। वित्तीय क्षेत्र में संकट की आशंका से शेयर बाजार में भी पिछले दिनों खासी गिरावट देखी गई थी।
ऑडिट फर्म की भूमिका पर भी सवाल
पीएमसी बैंक के संकट को लेकर ऑडिट फर्म लकड़ावाला एंड कंपनी पर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि उसने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कभी संकट का संकेत नहीं दिया। ऑडिट फर्म ने पीएमसी बैंक का ऑडिट वित्त वर्ष 2018-19 में किया था। उसने अपनी रिपोर्ट में संदिग्ध कर्जों की रिकवरी का जिक्र किया था। जिसके विरुद्ध बैंक ने 26.82 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। उसने अपनी रिपोर्ट में किसी बड़े संकट का जिक्र नहीं किया। ऑडिट में गड़बड़ी के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) ने फर्म के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। हालांकि इसमें भी संदेह जताया गया।