बैंकों से कर्ज लेने से जुड़ा एक और मामला सामने आया है। अब देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक आईसीआईसीआई बैंक की सीएमडी चंदा कोचर गंभीर आरोपों से घिर गई हैं।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की खबर में दावा किया गया है कि वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक ने 3250 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। यह लोन पूरा नहीं चुकाया गया। बाद में वीडियोकॉन की सहायता से बनी एक कंपनी आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की अगुआई वाले ट्रस्ट के नाम कर दी गई।
एक्सप्रेस की खबर में दावा किया गया है, ‘‘वीडियोकॉन ग्रुप की पांच कंपनियों को अप्रैल 2012 में 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया गया था। ग्रुप ने इस लोन में से 2810 करोड़ रुपए नहीं चुकाए। इसके बाद लोन को 2017 में नॉन परफॉर्मिंग असेट्स घोषित कर दिया गया।’’
आरोप है कि दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ एक कंपनी बनाई। इस कंपनी में दीपक कोचर के साथ उनके दो रिश्तेदार भी शामिल हैं। इसके बाद धूत ने एक कंपनी के जरिए इस ज्वाइंट वेंचर को 64 करोड़ का लोन दिया। बाद में धूत ने जिस कंपनी के माध्यम से कर्ज दिया था उसकी पूरी हिस्सेदारी सिर्फ 9 लाख में एक ट्रस्ट को सौंप दी जिसके प्रमुख दीपक कोचर हैं।
बैंक ने दी क्लीन चिट
बैंक ने इस पूरे मामले में अपनी एमडी और सीईओ चंदा कोचर को क्लीन चिट दे दी है। बैंक की तरफ से जारी बयान में आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक मंडल ने कहा है कि वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज या किसी अन्य कंपनी को कर्ज देने में पक्षपात या कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का कोई मामला नहीं है।
#ICICIBank Board expresses and reposes full faith and confidence in its MD & CEO, Ms. Chanda Kochhar. We urge you not to be misled by any rumours which are being spread to malign the Bank and its top management. Read: https://t.co/iCK2LPxg5v pic.twitter.com/iGVFQEXCv7
— ICICI Bank (@ICICIBank) March 28, 2018
बोर्ड ने इसे "दुर्भावनापूर्ण और निराधार" बताते हुए कहा कि बोर्ड ने लोन की स्वीकृति की आंतरिक प्रक्रिया की समीक्षा की है और उसे मजबूत पाया है। बोर्ड को अपने एमडी और सीईओ चंदा कोचर पर पूरा भरोसा और विश्वास है।”
बैंक के बोर्ड ने कहा कि अप्रैल 2012 में बैंकों के एक कंजोर्शियम ने वीडियोकॉन ग्रुप को कर्ज दिया था। इस कंजोर्शियम की अगुआई आईसीआईसीआई ने नहीं की थी। बैंक का 3250 करोड़ रुपए का लोन कुल कंजोर्शियम के लोन का महज 10 फीसदी था।