इस वित्त वर्ष में आईओसी की हिस्सेदारी बेचने का यह चौथा विनिवेश होगा। इससे पहले तीन हिस्सेदारी बेचकर 3000 करोड़ जुटाए गए थे। आईओसी की बीएसई से 0.70 प्रतिशत हिस्सेदारी जबकि ऑफर फॉर सेल (ओएफसी) के जरिये यह राशि जुटाई जाएगी।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश प्रक्रिया के जरिये 69500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल सरकार की आईओसी में 68.57 प्रतिशत हिस्सेदारी है। देश की सबसे बड़ी तेल शोधक और विपणन कंपनी 542 लाख टन तेलशोधन क्षमता रखती है यानी मोटे तौर पर देश की कुल तेलशोधन क्षमता 2151 लाख टन का यह चौथा हिस्सा शोधन करती है। कंपनी के 24,405 पेट्रोल पंप हैं जो देश के कुल 53,419 फिलिंग स्टेशनों का लगभग आधा हिस्सा इसी के पास है।
आईओसीएल की हिस्सेदारी बेचने का फैसला वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच मंत्रिमंडल स्तर की सलाह के बाद किया गया। बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण सरकार पीएफसी, आरईसी और ड्रेजिंग कॉर्प की हिस्सेदारी बेचकर इस वित्त वर्ष में 3000 करोड़ रुपये जुटा रही है।