भारत में अप्रैल-जून की तिमाही में सोने की मांग 70 फीसदी घटकर 63.7 टन रह गई। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के चलते सोने की मांग में गिरावट आई है।
इससे पिछले साल यानी 2019 की दूसरी तिमाही में भारत में सोने की मांग 213.2 टन रही थी।
डब्ल्यूजीसी की ‘दूसरी तिमाही में सोने की मांग के रुख पर रिपोर्ट’ में कहा गया है कि मूल्य के हिसाब से दूसरी तिमाही में भारत में सोने की मांग 57 फीसदी घटकर 26,600 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वर्ष की समान तिमाही में 62,420 करोड़ रुपये थी।
दूसरी तिमाही में आभूषणों की मांग 74 फीसदी घटकर 168.6 टन से 44 टन पर आ गई। मूल्य के अनुसार आभूषणों की मांग 63 फीसदी घटकर 18,350 करोड़ रुपये रह गई, जो 2019 की समान अवधि में 49,380 करोड़ रुपये थी।
इसी प्रकार निवेश के लिए सोने की मांग 56 प्रतिशत घटकर 19.8 टन रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 44.5 टन थी।
मूल्य के हिसाब से सोने की निवेश मांग 37 फीसदी घटकर 8,250 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले साल की समान तिमाही में 13,040 करोड़ रुपये थी।
इस अवधि में देश में सोने की रीसाइक्लिंग (पुन:चक्रीकरण) भी 64 फीसदी घटकर 13.8 टन रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 37.9 टन थी। इसी तरह दूसरी तिमाही में देश में सोने का आयात 95 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 11.6 टन रह गया, जो 2019 की समान अवधि में 247.4 टन रहा था।
डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक, भारत सोमसुंदरम पीआर ने बताया, ‘‘दूसरी तिमाही में जहां सोने के दाम ऊंचाई पर थे, वहीं इस दौरान देश में महामारी की वजह से लॉकडाउन भी था। इन वजहों से देश में सोने की मांग 70 प्रतिशत घटकर 63.7 टन रह गई।’’
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर पहली छमाही में देश में सोने की मांग 56 फीसदी घटकर 165.6 टन रही है। यह वैश्विक रुख के अनुरूप है। हालांकि, इस दौरान गोल्ड ईटीएफ की खरीदारी में मामूली वृद्धि हुई।