नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सीमित आपूर्ति की वजह से उच्च गुणवत्ता वाला प्याज आज 50 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया। हालांकि, थोड़ी हल्की गुणवत्ता वाला प्याज अभी 30 से 40 रुपये किलो के भाव बिक रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में और तेजी आने की आशंका है। जिसे देखते हुए नाफेड आदि सरकारी एजेंसियों प्याज की खुदरा कीमतों में तेजी रोकने की कोशिशें तेज कर दी है। लघु कृषक कृषि व्यवसाय संघ- एसएफएसी और राष्ट्रीय कृषि सहकारिता विपणन महासंघ- नाफेड ने मिलकर मूल्य स्थिरीकरण कोष का उपयोग करते हुए महाराष्ट्र के नासिक से 7,000 से 8,000 टन प्याज खरीदा है।
महाराष्ट्र सहित देश के प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में भंडारों में रखे प्याज के बर्बाद होने के कारण हाल के सप्ताहों में थोक और खुदरा बिक्री में कीमतों में तेजी आई है। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक के निकट लासलगांव से संकेत लेते हुए पिछले दो दिनों से प्याज का थोक मूल्य बढ़कर 36-38 रुपये प्रति किलो हो गया है, राष्टीय राजधानी में प्याज की कीमतें 42 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंची हैं। एसएफएसी के प्रबंध निदेशक प्रवेश शर्मा ने पीटीआई भाषा को बताया, हम मदर डेयरी के सफल बिक्री केन्द्र और दिल्ली दुग्ध योजना के बूथ के जरिये दिल्ली और राष्टीय राजधानी क्षेत्र में विगत दो तीन दिनों से प्याज की बिक्री कर रहे हैं ताकि इसकी उपलब्धता बढ़ाई जा सके और कीमतों पर अंकुश लगाया जा सके।
शर्मा ने कहा कि एसएफएसी, नाफेड के स्टाॅक में रखे प्याज का भी विपणन कर रही है। फिलहाल एसएफएसी सफल के 300 बिक्री केन्द्रों और डीएमएस के 100 बूथों के जरिये प्रतिदिन करीब 100 टन प्याज बेच रही है। उन्होंने कहा कि डीएमएस के बूथ पर प्याज की बिक्री 34 रुपये प्रति किलो के निर्धारित दर पर की जा रही है जो बाजार की 40 से 42 रुपये प्रति किलो की दर से काफी कम है जबकि सफल के बिक्री केन्द्र पर मूल्य का निर्धारण मदर डेयरी के द्वारा ही किया जा रहा है।