खाता ब्लॉक होने पर किसी तरह का लेनदेन नहीं किया जा सकेगा। आयकर विभाग ने कहा कि विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम के तहत सभी खाताधारक 30 अप्रैल तक अपनी केवाईसी जानकारी एवं आधार नंबर बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को हर हाल में उपलब्ध करा दें।
भारत और अमेरिका ने कर चोरी रोकने के लिए अधिनियम के तहत 31 अगस्त 2015 को एक समझौता किया है, जिसमें खाता धारकों के वित्तीय लेन-देन की जानकारी एक दूसरे से साझा करने का प्रावधान किया गया है। अभी तक कई एनआरआई के खाते आधार कार्ड से लिंक नहीं हैं।
इनकम टैक्स विभाग ने कहा कि समय सीम के अंदर अगर खाता धारक विवरण देने में असमर्थ है तो बैंकों के खातों को बंद कर दिया जाएगा।
आयकर विभाग ने एक बयान में कहा, खाता धारकों को सूचित किया जा सकता है कि यदि 30 अप्रैल, 2017 तक स्वयं-प्रमाणपत्र प्रदान नहीं किए गए हैं, तो खातों को बंद कर दिया जाएगा। इसका मतलब होगा कि वित्तीय संस्थान खाताधारक को ऐसे खातों के संबंध में किसी भी लेन-देन को प्रभावित करने से रोक देगा।