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केरल नहीं तो तमिलनाडु में बनेगा अडाणी का बंदरगाह: गडकरी

केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि केरल के विझिन्जम में 7,000 करोड़ रुपये की अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह परियोजना अडाणी समूह को आवंटित करने को लेकर राजनीतिक विवाद नहीं सुलझ पाता है, तो यह परियोजना तमिलनाडु को दे दी जाएगी।
केरल नहीं तो तमिलनाडु में बनेगा अडाणी का बंदरगाह: गडकरी

नरेंद्र मोदी सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में गडकरी ने मुंबई में कहा, यदि केरल में इस बंदरगाह को लेकर विवाद कायम रहता है, तो मैं आपको स्पष्ट संकेत दे रहा हूं कि हम तमिलनाडु में कन्याकुमारी के पास कोलाचेल में अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह बनाएंगे। 

गडकरी ने यह चेतावनी केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी द्वारा बुधवार को तिरुवनंतपुरम में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले दी है। यह बैठक इस मुद्दे पर विचार के लिए बुलाई गई है कि इस बंदरगाह परियोजना के लिए मिली अडाणी समूह की एकमात्र बोली को स्वीकार किया जाए, या उसे खारिज कर दिया जाए। बंदरगाह प्रबंधन पहले ही अडाणी की बोली को मंजूरी दे चुका है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार पर छोड़ दिया गया है। राज्य सरकार ने इस बारे में आपसी सहमति से राय बनाने का फैसला किया है। गडकरी ने कहा कि क्षेत्र के दायरे में बंदरगाह काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम कोलंबो बंदरगाह से ट्रैफिक गंवा रहे हैं। मेरे मंत्रालय ने पहले ही तमिलनाडु में वैकल्पिक स्थान के लिए व्यवहार्यता अध्ययन कर लिया है।

गौरतलब है कि गुजरात के बड़े कारोबारी गौतम अडाणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं और विपक्षी दल आरोप लगाते रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के सत्ता में आने के बाद अडाणी को फायदा पहुंचाया जा रहा है। अडाणी देश के उन कारोबारियों में शामिल हैं जिनकी संपत्ति एनडीए के पिछले एक वर्ष के कार्यकाल में सबसे अधिक बढ़ी है।

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