मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश जमाकर्ता हित सुरक्षा विधेयक 2015 के मसौदे को मंजूरी दी गयी। इसमें निवेशकों का धन वापस करने में विफल रहने वाले वित्तीय संस्थानों के निदेशकों को दस साल तक के कारावास और संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान है।
सूत्रों ने बताया कि विधेयक ऐसी कंपनियों के धन को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति का प्रावधान भी करता है। अनियमितताएं पाये जाने पर दस साल के कारावास और दस लाख रूपये जुर्माने का प्रस्ताव विधेयक में है। धन वापस नहीं करने की सूरत में कंपनी के निदेशकों की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है। हाल के दिनों में निवेशकों को अच्छे ब्याज सहित रकम लौटाने का वायदा करने वाली कंपनियों द्वारा धोखाधडी के मामले प्रकाश में आये हैं। सूत्रों ने बताया कि विधेयक के जरिए सरकार ऐसी कंपनियों पर लगाम कसने में सफल होगी। विधेयक को विधानसभा के मौजूदा सत्रा में पेश किया जा सकता है। राज्य मंत्रिापरिषद ने रबी सत्र 2015-16 के लिए तय प्रदेश गेहूं खरीद लक्ष्य के 30 लाख टन की खरीद का प्रस्ताव भी मंजूर कर लिया। मंत्रिापरिषद ने चार किलोमीटर की परिधि या आठ किलोमीटर की दूरी पर एक खरीद केन्द्र स्थापित करने का भी फैसला किया।