उधारी कारोबार के गिरने के बाद भी हालांकि ब्याज दरें कम होने से हाउजिंग सेक्टर में छाई मंदी दूर हो सकती है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की गई।
एसबीआई की 'इकॉनरैप-ऋणवृद्धि पर सट्टेबाजी' रिपोर्ट में बताया गया, 'कम क्रेडिट ग्रोथ चिंता की बात है क्योंकि सभी शेड्यूल्ड कमर्शल बैंकों के डेटा इस तरफ इशारा करते हैं कि क्रेडिट ग्रोथ साल-दर-साल 23 दिसंबर को ऐतिहासिक निचले स्तर पर गिरकर 5.1 फीसदी पर आ गई है।'
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया, '11 नवंबर और 23 दिसंबर के बीच की अवधि के दौरान क्रेडिट ग्रोथ में 5229 करोड़ रुपये की गिरावट आई है, जबकि इस दौरान बैंकों की जमा राशि में करीब 4 लाख रुपये की वृद्धि हुई है।'
रिपोर्ट यह भी कहती है कि ब्याज दरों में एक बार में 90 बेसिस पॉइंट्स की कटौती हो चुकी है। इससे स्पष्ट रूप से हाउजिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी। भारतीय स्टेट बैंक ने 1 जनवरी से लेकर तीन साल तक की अवधि वाले ऋणों की दर में 90 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी।