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गैस उत्खनन में बड़े निवेश की तैयारी

दुर्गम और अधिक चुनौतिपूर्ण इलाकों से निकाली जाने वाली प्राकृतिक गैस की कीमतों में इजाफे के भारत सरकार के फैसले से एक ओर उत्पादक कंपनियों की मार्केट वैल्यू में जबरदस्त उछाल आया है। दूसरी ओर, रिलायंस इंडस्ट्रीज की सह-स्वामित्व वाली ब्रिटिश कंपनी बीपी ने मध्यस्थता प्रक्रिया समाप्त करने का संकेत दिया है। इससे केजी बेसिन केजी डी6 ब्लॉक से गैस उत्खनन शुरू किया जा सकेगा। उधर, भारत सरकार के उपक्रम तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी) ने केजी-डीडब्ल्यूएन 98/2 क्लस्टर 2 ब्लॉक में गैस उत्खनन में बड़े निवेश का ऐलान किया है।
गैस उत्खनन में बड़े निवेश की तैयारी

नई हाइड्रोकार्बन नीति के तहत भारत सरकार ने कठिन क्षेत्रों में उत्खनन के लिए बाजार मूल्य के आधार पर कीमतें निर्धारित करने की अनुमति दी। इससे उत्खनन करने वाली कंपनियों को गैस की ऊंची कीमतें तय करने का मौका मिलेगा। जानकारों के अनुसार, कीमतों में 60 फीसद तक बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में ब्रिटेन की बीपी ने मध्यस्थता प्रक्रिया समाप्त करने का संकेत दिया है। केजी-डी6 ब्लॉक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ उसका सह-स्वामित्व है। सरकार ने अपने फैसले में कहा था कि ऊंची कीमतें उन क्षेत्रों पर लागू नहीं होंगी, जहां की उत्पादक कंपनियों ने गैस कीमत को लेकर या तो कानूनी मुकदमा किया हुआ है, या मध्यस्थता शुरू की है। इसके बाद ही बीपी इंडिया ताजा ऐलान किया।  

उधर, ओएनजीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डीके सर्राफ ने केजी बेसिन में पांच बिलियन डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया है। सर्राफ के अनुसार, क्लस्टर 2 में 2020-21 के दौरान रोजाना 17 मीलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर्स गैस और 75 हजार बैरल तेल के उत्खनन का लक्ष्य है। क्लस्टर 2 में 50 से 70 बिलियन क्यूबिक मीटर नेचुरल गैस और 23.5 मीलियन टन तेल का भंडार है।

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