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घर में रखे सोने को जमा कराएं, ब्याज कमाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोने से जुड़ी तीन महत्वकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की। इन योजनाओं का मकसद देश में सोने के बढ़ते आयात पर अंकुश लगाने और घरों तथा अन्य जगहों पर बेकार पड़े करीब 800 अरब डॉलर के 20 हजार टन सोने को उपयोग में लाना है।
घर में रखे सोने को जमा कराएं, ब्याज कमाएं

प्रधानमंत्री ने दिल्‍ली में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वर्ण मौद्रीकरण योजना 2015, सावरेन स्वर्ण बॉन्ड योजना और अशोक चक्र निशान वाले सोने के सिक्के तथा बुलियन योजनाओं का अनावरण किया। स्वर्ण मौद्रीकरण योजना (जीएमस) 2015 के तहत लोग अपने पास उपलब्ध सोने को जमा कर सकेंगे जिस पर उन्हें 2.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा।

सावरेन स्वर्ण बॉन्ड योजना के तहत निवेशक बॉन्ड पत्र खरीदकर सालाना 2.75 प्रतिशत ब्याज प्राप्त कर सकेंगे।

मोदी ने सोने का सिक्का एवं बुलियन जारी करने की योजना का भी अनावरण किया जिस पर एक तरफ राष्ट्रीय चिह्न अशोक चक्र और दूसरी तरफ महात्मा गांधी का चित्र होगा। देश में इस तरह की यह पहली योजना है। शुरुआत में सिक्के पांच और 10 ग्राम के वजन में उपलब्ध होंगे उसके बाद 20 ग्राम का बुलियन एमएमटीसी की 125 दुकानों के जरिये उपलब्ध होगा।

मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत ने सोने के सबसे बड़े खरीदार के तौर पर चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस साल देश में अब तक 562 टन सोने की खरीद हुई जबकि चीन में 548 टन सोने का आयात किया गया। उन्होंने कहा कि जिस देश के पास घर-परिवार और संस्थानों में 20 हजार टन सोना बेकार रखा है, ऐसे देश के गरीब रहने की कोई वजह नहीं है। भारत कुछ नई पहलों और सही नीतियों के साथ आगे बढ़ते हुए (गरीब देश के) इस तमगे को हटा सकता है।

भारत में बचत और महिलाओं को सोने के साथ सशक्त बनाने की परंपरा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को अर्थशास्त्र और गृहशास्त्र के बीच फर्क समझना होगा। सोने से जुड़ी आज पेश की गई विभिन्न योजनाओं से सोने की उपलब्धता बढ़ेगी और इसका आयात कम होगा। भारत में फिलहाल सालाना करीब एक हजार टन सोने का आयात किया जाता है जिसके कारण बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च होती है।

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