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होम लोन दरों में फिलहाल और कटौती की न रखें उम्मीद

पिछले एक वर्ष में नीतिगत रेपो दर में 25-25 बेसिस प्वाइंट्स की तीन कटौतियों की सौगात दे चुका भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों से लोन लेने वाले ग्राहकों को इस साल की दूसरी ‌त्रैमासिक मौद्रिक समीक्षा में शायद ही और कटौती करे।
होम लोन दरों में फिलहाल और कटौती की न रखें उम्मीद

दरअसल मानसून के देश में एक समान बर्ताव नहीं करने, खुदरा महंगाई दर के बढ़ने, सोने के भाव के लगातार गिरते जाने जैसे कारक रिजर्व बैंक को और लचीला रुख अपनाने से रोक सकते हैं और संभव है कि रेपो दर फिलहाल अपरिवर्तित ही रहे। आरबीआई की अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक अगले सप्ताह होने वाली है। बैंकिंग सेक्टर और उद्योग जगत उम्मीद लगाए बैठे हैं कि केंद्रीय बैंक कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती और करेगा। हालांकि रिजर्व बैंक के एक सूत्र का कहना है कि इस बार दरों में किसी तरह के परिवर्तन की उम्मीद नहीं है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति जून में आठ महीने के उच्च स्तर 5.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

दूसरी ओर बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) और एचएसबीसी ने शुक्रवार को अलग-अलग रपट में कहा कि आरबीआई अगले सप्ताह होने वाली समीक्षा में नीतिगत दर स्थिर रख सकता है लेकिन आने वाले दिनों में और कटौती की उम्मीद है। बोफा-एमएल के मुताबिक, आरबीआई यथास्थिति बरकरार रखेगा ताकि यह स्पष्ट हो कि वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए दरों में और कटौती का विकल्प खुला है। बोफा-एमएम की रपट में कहा गया है कि नीतिगत दर में और आधा प्रतिशत कटौती की उम्मीद बनी हुई है क्योंकि मुद्रास्फीति अभी जनवरी, 2016 तक छह प्रतिशत से कम रखने के लक्ष्य के अनुरूप बनी हुई है। बोफा-एमएम को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक सितंबर तक 0.25 प्रतिशत और अगले वर्ष फरवरी में नीतिगत दर में कटौती करेगा। दूसरी ओर एचएसबीसी के मुताबिक यदि बारिश में बाधा नहीं होती है और आरबीआई का मुद्रास्फीति संबंधी जनवरी 2016 तक का लक्ष्य पहुंच में रहता तो नीतिगत दर में और 0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है, लेकिन इससे ज्यादा नहीं। 

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