एसोचैम के एक सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान मुख्य भविष्य निधि आयुक्त के. के. जालान ने कहा, ‘एक्विटी में हम अपना पहला निवेश मुंबई में 6 अगस्त से करने जा रहे हैं। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय इस मौके की अध्यक्षता करेंगे।’ श्रम मंत्रालय ने इसी वर्ष अप्रैल में ईपीएफओ की नई निवेश पद्धति की अधिसूचना जारी की थी जिसके तहत इस कोष की न्यूनतम 5 प्रतिशत और अधिकतम 15 प्रतिशत राशि एक्विटी या एक्विटी से जुड़ी योजनाओं में निवेश की जा सकती है।
हालांकि ईपीएफओ प्रबंधन ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अपनी अतिरिक्त जमाराशि का सिर्फ 5 प्रतिशत हिसा निवेश करने का फैसला किया है। निवेश के आकार के बारे में जालान ने कहा, ‘मुझे भी नहीं पता। यह बाजार पर निर्भर करेगा। वित्त मंत्रालय की शर्तों के मुताबिक मुझे सिर्फ 15 प्रतिशत (अतिरिक्त जमाराशि का) निवेश करने की इजाजत है लेकिन केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 5 प्रतिशत के निवेश से शुरुआत करने की इजाजत दी है।
अप्रैल-जून की अवधि के दौरान ईपीएफओ की मासिक अतिरिक्त जमाराशि लगभग 8,200 रुपये थी। यानी प्रतिमाह संगठन के पास ईटीफ में निवेश के लिए 410 करोड़ रुपये हो जाएंगे। उन्होंने बताया, ‘हम लंबे समय के खिलाड़ी हैं और लंबे समय तक शेयर बाजार में बने रहना एक सकारात्मक रुख है। लंबे समय तक शेयर बाजार भी सकारात्मक आमद देता है। लेकिन इसमें हमेशा जोखिम भी रहता है। हमारे लिए यह जोखिम बहुत कम रहेगा क्योंकि हम अतिरिक्त जमाराशि का सिर्फ 5 प्रतिशत हिस्सा निवेश कर रहे हैं। यदि हम 6,000 करोड़ रुपये का भी निवेश कर रहे हैं तो यह हमारे खजाने (6.5 लाख करोड़ रुपये) के एक प्रतिशत से भी कम होगा।’ ईटीएफ में निवेश तथा शेयर बाजार की चाल समझने के लिए एसबीआई म्युचुअल फंड संगठन को मदद कर रहा है।