इसी साल फरवरी में स्विस बैंक की तहकीकात में जिन 1,195 भारतीयों के एचएसबीसी, जिनेवा में खातों का खुलासा किया गया था उनमें कौर का ना भी शामिल था। लेकिन फ्रांसीसी अधिकािरयों ने जिन 628 खातों का विवरण भारत में मौजूद अपने समकक्ष अधिकारियों को दिया था, उनमें कौर के खाते का विवरण नहीं था। सीबीडीटी को सबसे पहले फ्रांस के अधिकारियों ने ही कौर के एचएसबीसी खाते की जानकारी दी थी।
इसके बाद ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (बीवीआई) के अधिकारियों ने उनकी कंपनियों और संपत्तियों से जुड़े विवरण देते हुए बताया था कि परनीत कौर के बेटे रनिंदर सिंह के नाम से एक न्यास वहां पंजीकृत है। आयकर विभाग को कौर का ‘बीयूपी नंबर’ पाने में बड़ी कामयाबी मिली जिसमें बैक-अप फाइलें होती हैं और लेनदेन का पुराना आंकड़ा भी मिल जाता है। इस नंबर को अन्य 574 लोगों के खातों के साथ फ्रांस को भेजा गया जिसने भारत को जानकारी दी कि उनके ट्रस्ट का नाम जकरांदा ट्रस्ट है। सीबीडीटी ने अब कौर और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों का ब्योरा पाने के लिए स्विस अधिकारियों से संपर्क किया है। सूत्रों का कहना है कि इसी परिवार का दुबई स्थित एचएसबीसी फाइनेंशियल सर्विसेज (मिडिल ईस्ट) लिमिटेड में भी खाता है और आयकर विभाग उसके ब्योरे भी खंगाल रहा है।
सूत्र बताते हैं कि फ्रांस से मिली जानकारी के मुताबिक परनीत कौर के बेटे रनिंदर सिंह ने ही जकरांदा ट्रस्ट की स्थापना की थी जिसके तहत बीवीआई में पंजीकृत चिलिंगम होल्डिंग्स लिमिटेड, लिमरलाक इंटरनेशनल लिमिटेड, मुलवाला होल्डिंग्स लिमिटेड और ऑलवर्द वेंचर्स होल्डिंग लिमिटेड जैसी संपत्तियां आती हैं। फ्रांस से मिले दस्तावेज के मुताबिक रनिंदर सिंह के परिजन ही जकरांदा ट्रस्ट के लाभार्थी हैं।
आयकर विभाग की ओर से पहले परनीत कौर को ही नोटिस भेजा गया था लेकिन ताजा नोटिस उनके और उनके पति तथा कांग्रेस सांसद अमरिंदर के नाम से भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक अमरिंदर सिंह ने इस नोटिस का जवाब देने के लिए वक्त मांगा है। आयकर अधिकारियों का कहना है कि रनिंदर सिंह के इनकार करने के बाद उन्हें गलतबयानी के लिए विभाग की ओर एक और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।