नई दिल्ली। नेस्ले के मैगी ब्रांड नूडल्स में हानिकारक तत्व मिलने के मामले में केंद्र सरकार भी हरकत में आई गई है। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) इस मामले को देख रहा है और वह कार्रवाई करेगा। मंत्रालय ने इस बारे में एफएसएसएआई को पहले ही पत्र लिख दिया है। यदि मैगी के विज्ञापन गुमराह करने वाले पाए जाते हैं तो मैगी के ब्रांड एंबेसेडरों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
पासवान ने बताया कि एफएसएसएआई विभिन्न राज्यों से इकट्ठा किए गए मैगी नूडल्स के कुछ और नमूनों का परीक्षण कर रहा है। यह जांच उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं दवा प्रशासन द्वारा मैगी इंस्टैंट नूडल्स के नमूनों में मोनोसोडियम ग्ल्यूटामेट और सीसे की मात्रा तय सीमा से अधिक पाए जाने के बाद की जा रही है। इन परीक्षणों की पूरी रपट दो से तीन दिन में मिलने की उम्मीद है। हालांकि, पासवान ने कहा कि उपभोक्ता मामले के विभाग को अब तक मैगी के मामले में किसी उपभोक्ता की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है। सरकार द्वारा इस मामले में की गई कार्रवाई का ब्योरा देते हुए उपभोक्ता मामलों के अतिरिक्त सचिव जी. गुरचरण ने कहा, एफएसएसएआई ने सभी राज्यों से नमूने इकट्ठा किए हैं। आज कुछ रिपोर्ट आने की उम्मीद है और अगले कुछ 2-3 दिनों हमें पूरी रपट मिल जाएगी।
यह पूछने पर कि क्या मैगी के ब्रांड एंबेसेडर की भूमिका निभाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, गुरचरण ने कहा हां, यदि विज्ञापन गुमराह किए जाने वाले पाए जाते हैं तो उन पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि एफएसएसएआई अधिनियम के तहत सुधारात्मक पहल करने और दंड के प्रावधान हैं।
मैगी का काम करने वाली नेस्ले इंडिया से इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी। कंपनी के प्रवक्ता को भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला। पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के खाद्य नियामक ने राज्य के बाराबंकी जिले की अदालत में मैगी पर खाद्य सुरक्षा मानकों के संबंध में एक मामला दर्ज किया। इसके बाद मैगी का प्रचार करने वाले अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित और प्रीति जिंटा को भी टू मिनट नूडल ब्रांड के प्रचार के लिए अलग-अलग अदलाती कार्रवाई में लपेटा गया है।