दालों की बढ़ती कीमतों और दलहन आयात पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार खेसारी दाल पर 55 साल पहले लगा प्रतिबंध हटाने की कवायद में जुट गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक पैनल ने इस दाल को खाने के लिए सुरक्षित बताया है और बारे में अंतिम फैसला खाद्य नियामक एफएसएसएआई को करना है। लेकिन स्वास्थ्य से जुड़े इस अहम फैसले को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
नेस्ले की मैगी की टक्कर में बाजार में उतारे गए बाबा रामदेव के आटा नूडल्स विवादों में घिर गए हैं। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पतंजलि के आटा नूडल्स को खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की मंजूरी नहीं मिली है। जबकि बाबा रामदेव की ओर से दावा किया है उनका उत्पाद पूरी तरह से कानूनी है। आटा नूडल्स बनाने वाली सभी यूनिट्स के पास लाइसेंस हैं।
बंबई हाईकोर्ट से मैगी नूडल्स बनाने वाली कंपनी नेस्ले को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध लगाने के खाद्य नियामकों के आदेश को निरस्त कर दिया है। मैगी के नमूनों की अब तीन प्रयोगशालाओं में नए सिरे से जांच कराई जाएगी। जांच में मैगी सही पाए जाने पर ही कंपनी को इसके उत्पादन और बिक्री की अनुमति मिलेगी।