लक्ष्मी विलास बैंक को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने बैंक के आर्थिक संकट में फंसने के बाद इसपर प्रतिबंध लगा दिया है जिसके बाद अब इसके ग्राहक सिर्फ 25,000 हजार रूपए तक हीं निकाल सकेंगे। इससे पहले आरबीआई ने यस बैंक और पीएमसी बैंक को लेकर भी इसी तरह के कदम उठाए थे। जिससे ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक बैंक पर एक महीने का मोरेटोरियम लगाया गया है। यह 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक के लिए लागू किया गया है। ये आदेश आरबीआई अधिनियम की धारा 45 के तहत लाया गया है।
इस दौरान बैंक से ग्राहक 25,000 रूपए हीं निकाल सकते हैं। हालांकि, केंद्र ने अपने बयान में कहा है कि चिकित्सा उपचार, शिक्षा आदि जरूरी खर्च के लिए 25,000 रुपए से ऊपर निकालने की अनुमति होगी।
ये भी हुए हैं घोटाले...
यस बैंक घोटाला
सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक घोटाला अप्रैल और जून, 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने डीएचएलएफ के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके बदले वधावन ने कथित रूप से कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया। यह लाभ डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज के रूप में दिया गया।
पीएमसी घोटाला
पीएमसी के आर्थिक संकट में फंसने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने धन निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसने पहले निर्देश दिया कि कोई भी खाताधारक 1000 रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेगा। बाद में यह रकम बढ़ाकर 1,00,000 करोड़ रुपये कर दी गई। पीएमसी के संकट में फंसने से वित्तीय क्षेत्र में एक बार फिर घबराहट फैल गई। पीएमसी के खाताधारक उसकी शाखाओं के बाहर एकत्रित होने लगे थे।