गडकरी ने कहा कि नीति में 10 साल पुराने वाहनों को हटाने पर गौर किया जाएगा। इन वाहनों का मूल्य मूल लागत का 10 से 15 प्रतिशत होगा और इसके साथ ही सरकार द्वारा कर छूट तथा विनिर्माताओं द्वारा छूट देने पर भी विचार किया जाएगा ताकि पुराने वाहन के मालिक नई खरीद पर 2.5 लाख रुपये तक का लाभ प्राप्त कर पाएं। उदाहरण के लिए कोई 10 साल पुराना वाहन यदि 10 लाख रुपये में खरीदा गया है तो नए वाहन की खरीद के समय पुराने वाहन का बदलाव मूल्य एक से डेढ़ लाख रुपये, नए वाहन पर सरकार द्वारा एक तय प्रतिशत तक कर छूट और वाहन निर्माता द्वारा नए वाहन पर मूल्य में तय राशि की छूट दी जाएगी। इससे लोगों को पुरानी गाड़ी पर लागत मूल्य का अधिकतम लाभ मिल पाएगा।
इस प्रकार की नीति तैयार करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए गडकरी ने कहा, हमारे देश के लिए प्रदूषण एक बड़ी चुनौती है। पेरिस (जलवायु सम्मेलन) संदेश यह है कि हमें पर्यावरण पर ध्यान देना चाहिए। उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में अलग से बातचीत में 15 साल पुराने वाणिज्यिक वाहनों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 10 साल पुराने वाणिज्यिक वाहनों द्वारा होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए जल्दी ही एक समन्वित नीति तैयार की जाएगी। इस बारे में मंत्रिमंडल की मंजूरी ली जाएगी और उसके बाद ही यह अमल में आएगी। फिलहाल 15 साल से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है।
नितिन गडकरी ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, हम ऐसी नीति बनाएंगे जिसमें 10 साल पुराने वाहनों को खत्म किया जाएगा। इसकी लागत मूल लागत की 10 से 15 प्रतिशत होगी। अगर वाहन की लागत 10 लाख रुपये है, रद्दी इसका 10 प्रतिशत होगा। इसके बाद सरकार 50,000 से 60,000 रुपये की कर छूट देगी। हम इसकी सिफारिश करने जा रहे हैं। विनिर्माता पुराने वाहन मालिक को नई खरीद पर 50,000 से 1,00,000 लाख रुपये तक की छूट देंगे। इससे 10 लाख के वाहन पर कुल लाभ 2.5 लाख रुपये होगा। इसे वाहन विनिर्माण उद्योग में तेजी भी आएगी और पुराने वाहन सड़क से हटते भी जाएंगे।