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जानिए, जीएसटी के बाद होंगे ये दस बड़े बदलाव

लोकसभा में बुधवार को लंबी बहस के बाद आजादी के बाद का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार कहा जाने वाला जीएसटी बिल पास हो गया। जीएसटी से जुड़े 4 बिलों सैंट्रल जी.एस.टी., इंटीग्रेटेड जी.एस.टी., यूनियन टैरिटरी जी.एस.टी. और कम्पन्सेशन जी.एस.टी. बिलों को लोकसभा ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। 1 अप्रैल की अंतिम समय सीमा करने के बाद 1 जुलाई से देशभर में समान टैक्स प्रणाली लागू होगी। जी.एस.टी. का उद्देश्य पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं की दर को एक समान रखना है।
जानिए, जीएसटी के बाद होंगे ये दस बड़े बदलाव

जी.एस.टी. यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स, इसे केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा इनडायरैक्ट टैक्स के बदले लगाया जा रहा है। जी.एस.टी. के बाद एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पैशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ  कस्टम, वैट सेल्स टैक्स, सैंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स व लग्जरी जैसे टैक्स खत्म होंगे।

 जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली होगी। अभी तक कुछ टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र औॅर कुछ टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को था।

राज्य और केंद्र मिलकर सामान और सेवाओं पर टैक्स लगाएंगे। इससे देशभर में वस्तुओं के दाम कम होंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि जीएसटी से आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जा रहा है। साथ ही सेहत पर खराब असर डालने वाले सामानों और लग्जरी प्रॉड्क्स पर ज्यादा टैक्स लगाया गया है।

जेटली ने कहा कि जीएसटी के कई टैक्स रेट होना ठीक है। हवाई चप्पल और बीएमडब्ल्यू पर एक समान टैक्स नहीं लगाया जा सकता है। संसद और राज्यों की विधानसभाओं को गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा।

 जीएसटी काउंसिल में 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। संविधान संशोधन के तहत जीएसटी के तहत पहले पांच साल में किसी राज्य को घाटा होगा, तो उसकी व्यवस्था की जाएगी। टैक्स को लेकर अगर दो राज्यों में विवाद होता है, तो आम सहमति से फैसला लिया जाएगा। जम्मू एवं कश्मीर राज्य को जीएसटी कानून के दायरे में नहीं लाया गया है।

 जीएसटी लागू होने से टैक्स में चोरी आसान नहीं होगी।

जीएसटी  के लागू होने के बाद देश भर में गुड्स एवं सर्विसेज की मूवमेंट आसान होगी।

जीएसटी  के लागू होने से आपूर्ति क्षमता बेहतर होगी।

इस नई कर व्यवस्था से एकरूपता आएगी और ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

जीएसटी से ऑनलाइन लेनदेन बढ़ेगा और इससे कर देने वालों का दायरा बढ़ेगा। इसका ईमानदार करदाताओं को फायदा मिलेगा।

विश्व बैंक के एक अध्ययन में कहा गया है कि जीएसटी लागू होने से जीडीपी में 2% का इजाफा होगा।

 टैक्स दरों की चर्चा करते हुए लोकसभा जेटली ने कहा, अभी हमारे पास कई टैक्स ब्रैकेट्स हैं।  ये टैक्स स्लैब्स 0%, 5%, 12%, 18% और 28% हैं. खाने-पीने की अहम चीजों पर 0% टैक्स, जबकि नुकसानदेह या लग्जरी चीज़ों पर अधिक टैक्स रखा गया है।

तीन तरह के टैक्‍स होंगे

सीजीएसटी : यानी सैंट्रल जी. एस.टी, इसे केंद्र सरकार वसूलेगी।

एसजीएसटी: यानी स्टेट जी.एस.टी,  इसे राज्य सरकार वसूलेगी।

आईजीएसटी: यानी इंटीग्रेटिड जी.एस.टी, अगर कोई कारोबार 2 राज्यों के बीच होगा तो उस पर यह टैक्स लगेगा। इसे केंद्र सरकार वसूल कर दोनों राज्यों में बराबर बांट देगी।
 

आम लोगों को होगा यह फायदा 

टैक्सों का जाल और रेट कम होंगे। अभी हम अलग-अलग सामान पर 30 से 35 प्रतिशत टैक्स देते हैं। जी.एस.टी. में कम टैक्स लगेगा।

सभी राज्यों में सभी सामान एक कीमत पर मिलेगा। अभी एक ही चीज 2 राज्यों में अलग-अलग दाम पर बिकती है।

जीएसटी लागू करने वाली सरकार दोबारा नहीं जीती

यह एक फैक्ट है कि पूरी दुनिया में जी.एस.टी. लागू करने के बाद हुए चुनावों में कोई भी सरकार दोबारा नहीं चुनी गई है। क्योंकि शुरूआती वर्षों में कुछ चीजें महंगी हो जाती हैं। इसका खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है।

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