सन 2012 में आए हवाला निरोधी अध्यादेश के बाद अपनी पहली कार्रवाई के तहत हांगकांग मोनेटरी अथॉरिटी (एचकेएमए) ने कहा कि अप्रैल 2012 से लेकर नवंबर 2013 के बीच एसबीआई की शाखा ने कारोबारी संबंध बनाने से पहले ग्राहकों के बारे में यथोचित तहकीकात नहीं की। शाखा अपने ग्राहकों के साथ कारोबारी संबंधों पर िनगरानी रखने में भी विफल रही और न ही यह जानने की कोशिश की कि उसके ग्राहक राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले तो नहीं हैं।
एचकेएमए ने नियमों के उल्लंघन के लिए एसबीआई की हांगकांग शाखा को लताड़ लगाई है और इसे सुधारात्मक योजना तथा इसके क्रियान्वयन की पर्याप्तता संबंधी रिपोर्ट किसी स्वतंत्र और बाहरी सलाहकार की ओर पेश करने का आदेश जारी किया है। हांगकांग का एंटी-मनी लांड्रिंग अध्यादेश सन 2012 में पेश हुआ था और इसके तहत उसकी यह पहली कार्रवाई है।
एचकेएमए की महानिदेशक (प्रवर्तन) मीना दातानी ने कहा, ‘यह मामला आंतरिक नियंत्रण प्रणाली की विफलता से जुड़ा है जिसमें हवाला विरोधी और आतंकवाद निरोधक वित्तीय कानून का उल्लंघन हुआ है। एचकेएमए ने इन खामियों को गंभीरता से लिया है और इस उद्योग को स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि सभी संस्थाओं में इन नियमों को सख्ती से लागू करना होगा।’
एसबीआई हांगकांग का कहना है कि पिछले 35 वर्षों से हांगकांग बैंकिंग समूह का सदस्य होने के नाते एसबीआई अपने प्रतिष्ठित ग्राहकों को उत्पाद एवं सेवाएं देने के साथ ही इन नियमों का सख्त अनुपालन करते हुए नियामक दिशा-निर्देशों की अवहेलना पर शून्य सहनशीलता नीति अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम ग्राहकों की पड़ताल के उच्च मानक और हांगकांग के वित्तीय संस्थानों के बीच निगरानी सुनिश्चित करने के लिए एचकेएमए के प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं।