भारत ने पाकिस्तान से आयात होने वाली वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी 200 फीसदी तक बढ़ा दी है। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के बाद शुक्रवार को भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (सबसे तरजीही देश) का दर्जा छीनने का फैसला किया था। इसके बाद से भारत पर पाकिस्तान से आयात होने वाली वस्तुओं पर किसी भी सीमा तक शुल्क बढ़ाने का अधिकार था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पुलवामा की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान से व्यापार के लिहाज से सबसे तरजीही देश का दर्जा वापस ले लिया है। इसके बाद पाकिस्तान से भारत में आयात किए जाने वाले सभी तरह के सामान पर सीमाशुल्क तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया गया है।’’
पुलवामा में आतंकी हमले के बाद सरकार ने शुक्रवार को पाकिस्तान से व्यापार के लिहाज से सबसे तरजीही देश का दर्जा वापस ले लिया था।सीमाशुल्क में बढ़ोत्तरी से पाकिस्तान से भारत को किया जाने वाले निर्यात पर काफी बुरा असर पड़ेगा।
वर्ष 2017-18 में पाकिस्तान से भारत को 3,482.3 करोड़ रुपये यानी 48.85 करोड़ डॉलर का निर्यात किया गया था। पाकिस्तान प्रमुख तौर पर भारत को ताजे फल, सीमेंट, बड़े पैमाने पर खनिज एवं अयस्क और तैयार चमड़ा निर्यात करता है।
क्या है मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा?
विश्व व्यापार संगठन(WTO) के नियम के अनुसार, WTO के प्रत्येक सदस्य को WTO के सामान्य समझौतों के अंतर्गत टैरिफ और व्यापार (GATT) के तहत अन्य सदस्य देशों को यह दर्जा देना आवश्यक है। यह दर्जा व्यापार में सहयोगी राष्ट्रों को दिया जाता है। इसमें एमएफएन राष्ट्र को भरोसा दिलाया जाता है कि उसके साथ भेदभाव रहित व्यापार किया जाएगा। डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुसार भी ऐसे दो देश एक-दूसरे से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं कर सकते। एमएफएन का दर्जा मिल जाने पर दर्जा प्राप्त देश को इस बात का आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
एमएफएन का दर्जा व्यापार में दिया जाता है। इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है। यह दर्जा प्राप्त देश कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है। डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश खुले व्यापार और बाजार से बंधे हैं लेकिन एमएफएन के कायदों के तहत देशों को विशेष छूट दी जाती है। सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंद फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है।
1996 में पाकिस्तान को भारत ने दिया था ये दर्जा
भारत ने 1996 में पाकिस्तान को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (एमएनएफ) का दर्जा दिया था। भारत और पाकिस्तान दोनों ही इसके लिए हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें एक-दूसरे और डब्ल्यूटीओ के अन्य सदस्य देशों के साथ व्यापारिक साझेदार के रूप में व्यवहार करना होगा। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने अभी तक भारत को एमएफएन का दर्जा नहीं दिया है और यह 1,209 वस्तुओं की नकारात्मक सूची रखता है, जिसे भारत से आयात करने की अनुमति नहीं है। पाकिस्तान वाघा मार्ग के माध्यम से भारत से केवल 137 उत्पादों का निर्यात करने की अनुमति देता है।