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लोकसभा में वीमा विधेयक पेश

मोदी सरकार ने लोकसभा में वीमा विधेयक पेश कर दिया है। इस विधेयक में वीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी करने की वकालत की गई है। पिछले साल मोदी सरकार इस सिलसिले में एक अध्यादेश जारी कर चुकी है।
लोकसभा में वीमा विधेयक पेश

वामदलों ने बीमा विधि संशोधन विधेयक-2015 नाम से पेश इस विधेयक का विरोध किया। उन्होंने कहा कि राजग सरकार इस विधेयक को लेकर संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर रही है।

वाम दलों के सदस्यों द्वारा विधेयक को पेश करने के चरण में मत विभाजन की मांग किए जाने के बाद सदन ने 45 के मुकाबले 131 मतों से विधेयक को पेश करने की मंजूरी प्रदान कर दी। इसके बाद वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने लोकसभा में विधेयक पेश किया।

वाम दलों की आपत्तियों को पूरी तरह से खारिज करते हुए संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि यदि लोकसभा अध्यक्ष किसी विधेयक को पेश करने की अनुमति प्रदान करती हैं तो विधेयक पेश किया जा सकता है। इसके साथ ही नायडू ने कहा कि जिस क्षण अध्यादेश पेश किया जाता है उसके छह सप्ताह के भीतर उसे कानून का रूप देना अनिवार्य है और इस अध्यादेश के मामले में यह समय सीमा पांच अप्रैल को समाप्त हो रही है।

उन्होंने संसदीय कार्यवाही के एक अन्य नियम का हवाला देते हुए कहा कि यह पूरी तरह स्थापित तथ्य है कि सरकार को किसी भी सदन में विधेयक पेश करने की आजादी है।

यह विधेयक सरकार द्वारा इस संबंध में जारी अध्यादेश का स्थान लेने के लिए लाया गया है।

इससे पूर्व वाम दलों के सदस्यों ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जतायी कि जब यही विधेयक राज्यसभा में लंबित है और सरकार ने उसे वापस नहीं लिया है तो समान विधेयक राज्यसभा में कैसे पेश किया जा सकता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एक गलत परंपरा की शुरूआत कर रही है और ऐसा पिछले 65 सालों में कभी नहीं देखा गया। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है।

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