राजन ने कहा, ‘जब हमें लगेगा कि दर में कटौती के बाद भी मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे बनी रहेगी, हम दर में कटौती करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी-मार्च, 2016 की अवधि में करीब 6.1 प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान है।’ आरबीआई गवर्नर ने सीएनबीसी आवाज से बातचीत में कहा, ‘वास्तव में यह उससे नीचे होनी चाहिए। यही हम देख रहे हैं कि दर में कटौती की कितनी गुंजाइश है।’
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को केंद्रीय बैंक ने अपनी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाए रखी, लेकिन यह वादा किया कि वह 29 सितंबर की मौद्रिक नीति से पहले दर में कटौती पर विचार कर सकता है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में संभावित वृद्धि के असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, शुरू में कुछ उठापटक हो सकती है और पूंजी का बहिर्गमन हो सकता है पर निवेशक फिर लौट आएंगे क्योंकि भारत में निवेश का विकल्प मजबूत है।