पैराडाइज पेपर्स के तौर पर उजागर हुए दस्तावेजों में केंद्रीय मंत्री, नेताओं, उद्योग और फिल्म जगत से जुड़ी हस्तियों के नाम आने के बाद केंद्र सरकार हरकत में आई है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञपति के अनुसार, विभिन्न जांच एजेंसियों का एक समूह पैराडाइज पेपर्स से जुड़े मामलों की जांच पर नजर रखेगा।
करोड़ों की तादाद में लीक हुए इन दस्तावेजों से पता चलता है कि दुनिया भर के राजनेता, उद्योगपति और नामी लोग टैक्स छिपाने-बचाने और धन को इधर-उधर करने के लिए कैस टैक्स चोरी के ठिकानों और वहां से संचालित होने वाली कंपनियों का सहारा लेते हैं। इस काम को बरमूडा की एप्पलबाय जैसी लॉ फर्म के जरिए अंजाम दिया जाता है, जिनके लीक हुए एक करोड़ से ज्यादा दस्तावेजों को पैराडाइज पेपर्स का नाम दिया गया है। इससे पहले पनामा पेपर्स के जरिए भी इसी तरह के खुलासे हुए है, जिसने कई पाकिस्तान समेत कई देशों की राजनीति में भूचाल मचा दिया था।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, पैराडाइज पेपर्स से जुड़ी खबरें सामने आने के बाद आयकर विभाग की जांच इकाई को इन खुलासों का संज्ञान लेने और जरूरी कदम उठाने के लिए सतर्क कर दिया गया है। विदेशी कंपनियों से जुड़े कई मामलों में जांच जारी है। इन मामलों में जैसे ही कोई नई जानकारी सामने आएगी, कानूनन कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने निर्णय लिया है कि पैराडाइज पेपर्स से जुड़े मामलों की जांच पर ईडी, सीबीडीटी, आरबीआई और एफआईयू जैसी एजेंसियों का समूह नजर रखेगा। सीबीडीटी के चेयरमैन इसके अध्यक्ष होंगे।