भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का कहना है कि कॉल ड्रॉप का स्तर तय स्तर से बहुत अधिक है। ट्राई के अध्यक्ष आर एस शर्मा ने कहा कि नियामक ने आंकड़ों की समीक्षा की है और वह कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। उल्लेखनीय है कि इंटरकनेक्शन के मुद्दे पर मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो व मौजूदा कंपनियों में खींचतान चल रही है। जियो का आरोप है कि मौजूदा कंपनियां उसे पर्याप्त प्वाइंट आफ इंटरकनेक्शन (पीओआई) उपलब्ध नहीं करा रही हैं। शर्मा ने कहा, हमने डाटा की समीक्षा की है। इससे दिखता है कि सेवाओं की गुणवत्ता संबंधी नियमों के हिसाब से कॉल ड्रॉप तय स्तर से बहुत बहुत ज्यादा है। प्रथम दृष्टया यह एक तरह से नियमों का अनुपालन नहीं करने का मामला बनता है।
जियो का दावा है कि परिचालन शुरू करने के कुछ ही दिन में उसके ग्राहकों की 75-80 प्रतिशत कॉल नहीं लग पा रही हैं। कंपनी का कहना है कि दस दिन में ही एयरटेल, वोडाफोन इंडिया व आइडिया सेल्यूलर के नेटवर्क पर उसकी 52 करोड़ कॉल विफल रही हैं। यानी उसके ग्राहक इन कंपनियों के नेटवर्क पर कॉल नहीं कर पा रहे हैं। ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों से कहा था कि वे 15-19 सितंबर 2016 के दौरान अपने नेटवर्क पर कॉल का ब्यौरा उसे दें। शर्मा ने कहा, ट्राई ने संबद्ध दूरसंचार कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया है। इसके साथ ही वह उनसे कहेगा कि वे पीओआई के मुद्दे पर लाइसेंस शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित करें।