पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में एक आंतरिक विवाद ने हलचल मचा दी है। पार्टी के वरिष्ठ सांसद और मुख्य सचेतक कल्याण बनर्जी ने हाल ही में पद से इस्तीफा दे दिया है, जो पार्टी के भीतर चल रहे तनाव का संकेत है। यह विवाद तब सामने आया जब टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने कल्याण बनर्जी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था और उन्हें "सुअर" कहा था, जिसका कल्याण बनर्जी ने कड़ा विरोध किया।
उन्होंने महुआ मोइत्रा को "ध्यान देने लायक नहीं" बताया और कहा कि वह इस मामले पर और ध्यान नहीं देंगे। टीएमसी की राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पार्टी सांसदों की बैठक में इस स्थिति को लेकर चिंता जताई और कहा कि पार्टी में समन्वय की कमी है, जिसके लिए मुख्य सचेतक जिम्मेदार हैं। इसके बाद कल्याण बनर्जी ने इस्तीफा देकर इस जिम्मेदारी से हटने का फैसला किया।
पार्टी ने उनके स्थान पर डॉ. काकोली घोष दस्तीदार को नया मुख्य सचेतक नियुक्त किया है। यह विवाद टीएमसी के आंतरिक मतभेदों को उजागर करता है, जो पहले भी कोलकाता में एक गैंगरेप मामले पर कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा के विवादित बयानों के कारण बढ़ चुका था। महुआ मोइत्रा ने उस घटना पर महिला विरोधी मानसिकता को लेकर टिप्पणी की थी, जिसने पार्टी में खींचतान को और बढ़ा दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के सार्वजनिक विवाद टीएमसी की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं और आगामी चुनावों में पार्टी के लिए चुनौती बन सकते हैं। पार्टी नेतृत्व फिलहाल इस विवाद को शांत कराने और एकता बनाए रखने के प्रयास कर रहा है, लेकिन यह देखना बाकी है कि यह झगड़ा पार्टी के भीतर कितना गहरा प्रभाव छोड़ेगा। कुल मिलाकर, टीएमसी के इस विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी के भीतर समन्वय और नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं, जिन्हें जल्द से जल्द सुलझाने की आवश्यकता है ताकि आगामी राजनीतिक लड़ाई में पार्टी मजबूती से खड़ी हो सके।