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आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 की 10 बड़ी बातें

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। आइए जानते हैं इसकी 10...
आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 की 10 बड़ी बातें

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। आइए जानते हैं इसकी 10 महत्वपूर्ण बातें...

1.वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर का अनुमान 7 से 7.5 फीसदी लगाया गया है। सर्वे में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में बड़े सुधारों के लिए उठाए गए कदमों से इस वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी विकास दर 6.75 होगी और 2018-19 में यह विकास दर 7 से 7.5 फीसदी होगी।

2. जीएसटी लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। स्‍वैच्छिक पंजीकरण, विशेषकर वैसे छोटे उद्यमों द्वारा कराए गए पंजीकरण में भी वृद्धि दर्ज की गई है, जो बड़े उद्यमों से खरीदारी करते हैं। वे स्‍वयं भी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट से लाभ उठाना चाहते हैं। इसी तरह नवंबर 2016 से लेकर अब तक व्‍यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्‍या में लगभग 18 लाख की वृद्धि दर्ज की गई है।         

3. भारत का औपचारिक क्षेत्र, विशेषकर औपचारिक गैर-कृषि पे-रोल को वर्तमान अनुमान की तुलना में बहुत अधिक पाया गया है। ईपीएफओ/ईएसआईसी की दृष्टि से ‘औपचारिकता’ को परिभाषित किया गया, तब औपचारिक क्षेत्र से जुड़े पे-रोल को गैर-कृषि श्रम बल का लगभग 31 प्रतिशत पाया गया। जब ‘औपचारिकता’ को जीएसटी दायरे का हिस्‍सा होने की दृष्टि से परिभाषित किया गया, तब इस तरह के औपचारिक क्षेत्र संबंधी पे-रोल की हिस्‍सेदारी 53 प्रतिशत पाई गई।  

4. पहली बार राज्‍यों के अंतर्राष्‍ट्रीय निर्यात से जुड़े आंकड़ों को आर्थिक सर्वेक्षण में शामिल किया गया है। इन आंकड़ों से निर्यात प्रदर्शन और राज्‍यों में रहने वाले लोगों के जीवन स्‍तर के बीच मजबूत आपसी जुड़ाव के बारे में संकेत मिलता है। वैसे राज्‍य जो अंतर्राष्‍ट्रीय निर्यात करते हैं और अन्‍य राज्‍यों के साथ व्‍यापार करते हैं, वे अपेक्षाकृत अधिक समृद्ध अधिक पाए गए हैं।   

5. भारत से होने वाला निर्यात में सबसे बड़ी कंपनियों की हिस्‍सेदारी अपेक्षाकृत बहुत कम पाई गई है, जबकि अन्‍य राष्‍ट्रों में इसके विपरीत स्थिति देखी जा रही है। निर्यात में शीर्ष एक प्रतिशत भारतीय कंपनियों की हिस्‍सेदारी केवल 38 प्रतिशत आंकी गई है, जबकि ब्राजील, जर्मनी, मेक्सिको और अमेरिका में क्रमश: 72, 68, 67 और 55 प्रतिशत हिस्‍सेदारी है। शीर्ष 5 या 10 प्रतिशत भारतीय कंपनियों के मामले में भी कुछ इसी तरह की स्थिति देखी जा रही है। 

6. राज्‍यों के शुल्‍कों में छूट (आरओएसएल) से मानव निर्मित फाइबर का निर्यात लगभग 16 प्रतिशत बढ़ गया है।

7. भारतीय समाज में लड़कों के जन्‍म के प्रति तीव्र इच्‍छा दिखाई जाती है। अधिकतर माता-पिता तब तक बच्‍चों की संख्‍या बढ़ाते रहते हैं, जब तक उनके यहां जन्‍म लेने वाले लड़कों की संख्‍या अच्‍छी-खासी नहीं हो जाती है। सर्वेक्षण में क तरह के परिदृश्‍य का विवरण दिया गया है, जिससे बालक-बालिका अनुपात के अपेक्षाकृत कम रहने का पता चलता है।

8. भारत में कर विभागों ने कई कर विवादों में चुनौती दी है, लेकिन इसमें सफलता की दर भी कम रही है। यह दर 30 प्रतिशत से कम आंकी गई है। लगभग 66 प्रतिशत लंबित मुकदमे दांव पर लगी रकम का केवल 1.8 प्रतिशत हैं। 0.2 प्रतिशत मुकदमे दांव पर लगी रकम का 56 प्रतिशत हैं।

9. बचत में वृद्धि से आर्थिक विकास नहीं हुआ, जबकि निवेश में वृद्धि से आर्थिक विकास निश्चित तौर पर हुआ है। 

10. भारतीय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन वाले जगहों और इसके कारण कृषि पैदावार पर हुए व्‍यापक प्रतिकूल असर को भी बताया किया गया है। तापमान में अत्‍यधिक बढ़ोतरी के साथ-साथ बारिश में हुई कमी को भी भारतीय नक्‍शे पर दर्शाया गया है। इसके साथ ही इस तरह के आंकड़ों से कृषि पैदावार में हुए परिवर्तनों को भी ग्राफ में दर्शाया गया है। इस तरह का असर सिंचित क्षेत्रों की तुलना में गैर-सिंचित क्षेत्रों में दोगुना पाया गया है।

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