उन्होंने एक बयान में कहा, विशुद्ध रूप से रिण वसूली जैसे दीवानी विषयों को बगैर किसी आधार के फौजदारी आरोपों के साथ जोड़ा जा रहा है। माल्या ने कहा कि मीडिया में आई खबरें और ईडी का एक ट्वीट संकेत देता है कि ईडी ने मेरी और यूनाइटेड ब्रीवरीज होल्डिंग लिमिटेड से जुड़ी विभिन्न संपत्तियां कुर्क की हैं। यह एक सार्वजनिक कंपनी है और ईडी की किसी जांच का विषय नहीं है।
माल्या ने कहा कि ईडी के ताजे कदम से प्रतीत होता है कि यह एेसे कारणाें को लेकर मुझे फरार घोषित करने के लिए पीएमएलए अदालत का रूख करने का है, जो मैं नहीं समझ सकता। उन्होंने कहा कि वह जिनिवा में बैठक के लिए भारत से निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक दो मार्च को रवाना हुए थे। उस समय ईडी की कार्यवाही शुरू नहीं हुई थी और उन्हें कोई समन जारी नहीं किया गया था।
उन्होंने बताया कि सभी सरकारी एजेंसियां उन्हें पेशी से मिली पिछली छूटों को रद्द कराने के लिए विभिन्न अदालतों में जा रही हैं ताकि मेरे खिलाफ और भी गैर जमानती वारंट जारी हो सके। यह सभी मेरे प्रत्यर्पण के लिए एक मामला बनाने को लेकर एक सामूहिक प्रयास लगता है। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से लगता है, जैसे ये एजेंसियां अत्यधिक पूर्वाग्रह वाली जांच कर रही है और मुझे बगैर मुकदमे के पहले ही दोषी ठहरा चुकी हैं, जिसके बाद मुझे खुद को बेकसूर साबित करने की जरूरत होगी।उन्होंने बताया कि वह बैंकाें से संपर्क कर उनसे एक समिति नामित करने का अनुरोध कर रहे हैं, जो बैठकर उनके साथ एक बार में समाधान कर लें।